दलाई लामा बोले: लोग बनें करूणामय और संवेदनशील

नयी दिल्ली। दलाई लामा ने बुधवार को कहा कि जब तक पुलिस कार्रवाई की मंशा व्यापक भलाई होगी होगी तब तक उनका अपनी काम में दृढ़ता ठीक है। दलाई लामा ने कहा, ‘‘दृढ़ता सामान्य रूप से अनुशासन का एक तरीका है। यह हिंसक है या नहीं, यह पूरी तरह से उसकी मंशा पर निर्भर करता है। पुलिस के रूप में, कुछ परिस्थितियों में, आपको कठोर तरीकों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है, लेकिन लोगों की सुरक्षा व्यापक मंशा होनी चाहिये ।दलाई लामा भारतीय पुलिस फाउंडेशन के अनुरोध पर ‘‘पुलिसिंग में संवेदना और करूणा’’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे ।वह हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला में अपने निवास से पुलिस बल के सदस्यों को टलीकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने लोगों का करूणामय और संवेदनशली बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की शिक्षा किसी की भी तालीम का एक हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम में… अंग्रेजों ने आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की, लेकिन आपको देश की हजार साल पुरानी परंपराओं को बनाए रखने की भी कोशिश करनी चाहिए, जो अहिंसा, करुणा, सहानुभूति है।’’धर्म गुरू ने कहा, ‘‘हमें धर्मनिरपेक्ष तरीके से छात्रों को शिक्षित करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस तरह की शिक्षा लोगों को अपने आप अधिक दयावान बनाएगी ।’’उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पुलिस करुणा और अहिंसा की रक्षक है ।’’