रायपुर। राज्य के जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में जर्जर शासकीय भवनों के पुनर्विकास के लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग नोडल विभाग होगा। पुनर्विकास के लिए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और छत्तीसगढ़ सडक़ विकास निगम निर्माण एजेंसी होंगे। दो एकड़ तक के क्षेत्रफल में निर्माण कार्य सडक़ विकास निगम और दो एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में निर्माण कार्य हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में जर्जर होटल, मोटल, रिसार्ट आदि का पुनर्विकास पर्यटन मंडल द्वारा किया जाएगा। यह निर्णय गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में उनके रायपुर निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, नगर प्रशासन एवं विकास मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अयाज तम्बोली उपस्थित थे। बैठक में आयुक्त गृह निर्माण मंडल ने राजधानी रायपुर के शांति नगर में पुनर्विकास योजना सहित जिला कलेक्टरों से प्राप्त जर्जर भवनों की जानकारी के आधार पर प्रस्तावित पुनर्विकास योजना की जानकारी दी। इस योजना के तहत जर्जर हो चुके शासकीय आवासीय कालोनियों में आवास सह कामर्शियल काम्प्लेक्स के साथ ही थाना, तहसील आदि भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शांति नगर के पुनर्विकास के लिए प्रोजेक्ट कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए पहली बार सात जनवरी 2021 को विज्ञापन प्रकाशन किया गया, लेकिन कोई भी एजेंसी इसमें शामिल नहीं हुई। इसकी वजह से दूसरी बार पांच फरवरी 2021 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। 27 फरवरी को बिड ओपन कर न्यूनतम दरदाता का चयन किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि शांति नगर में पुनर्विकास योजना के 37.02 एकड़ भूमि पर निर्मित कुल 314 पुराने जर्जर भवनों में से बी, सी, डी प्रकार के 16 भवन निर्मित हैं। नया रायपुर में भवन निर्माण के बाद इन भवनों को खाली कराया जा सकेगा। ई और एफ टाईप के कुल 30 भवनों का आवंटन अन्य स्थानों पर कर दिया गया है। शेष भवन जी, एच और आइ प्रकार के कुल 268 भवनों के लिए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, कालोनी बोरियाकला में टू-बीएचके और थ्री-बीएचके कुल 268 भवनों को आवंटित करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा गया है। वर्तमान में 23 भवनों को खाली करा लिया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति के बाद शेष आवंंटियों को बोरियाकला में भवन आवंटन के बाद शांति नगर के शेष भवनों को खाली कराने के बाद पीपीपी कंस्लटेंट चयन के बाद आर्किटेक्टर और विकास के लिए आरएफपी तैयार किया जाएगा। बैठक में सभी जिलों को उनके यहां खाली पड़ी और अवैध कब्जे में फंसी सरकारी जमीन की पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। पुरानी सरकारी कालोनियों की भी पहचान करने के लिए कहा गया है। ऐसी जमीनों को खाली कराके वहां नए निर्माण किए जाएंगे। वहां से राजस्व प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।