रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले एक-दो दिनों से प्रदेश के विभिन्न् हिस्सों में हो रही बारिश से उपार्जन (खरीदी) केंद्रों में रखे धान को भीगने से बचाने के लिए समुचित इंतजाम करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि धान को व्यवस्थित तरीके से तालपत्री से ढक कर रखा जाए और उपार्जन केंद्रों में पानी निकासी के लिए समुचित ड्रेनेज की व्यवस्था रहे, ताकि निचले हिस्से का धान खराब न होने पाए। मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को उपार्जन केंद्रों से धान की कस्टम मिलिंग में तेजी लाने के निर्देश भी दिए है। बता दें कि धान को सुरक्षित रखने के लिए इस वर्ष अभियान चलाकर धान उपार्जन केंद्रों में आठ हजार चबूतरों का निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए हैं कि बेमौसम बारिश से यदि कहीं कोई क्षति होती है तो उसका शीघ्र आंकलन कर प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाए। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 92 लाख टन धान में से अब तक 55 लाख टन धान का उठाव हो चुका है। इसमें 37 लाख 28 हजार 393 टन धान का उठाव मिलरों और 16 लाख 72 हजार टन धान का संग्रहण केंद्रों में भंडरण शामिल है। मिलरों को 17 फरवरी तक 38 लाख 32 हजार 533 टन धान का डीओ जारी किया गया है । राज्य के 2184 मिलरों द्वारा धान का उठाव उपार्जन केंद्रों से किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग निरंतर जारी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धान के उठाव में और तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।