डेस्क। फलित ज्योतिष में जैसा शुक्र का महत्त्व है वैसे ही शुक्र के रत्न ओपल का भी। ज्योतिष की उपाय शाखा में कुंडली के किसी भी कमजोर ग्रह को बल देने और मजबूत करने के लिए व्यक्ति को उस ग्रह का रत्न धारण कराया जाता है। ओपल शुक्र का रत्न है जिस पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य है और कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर ओपल धारण करने की सलाह दी जाती है।
अगर कुंडली में शुक्र नीच राशि (कन्या) में बैठा हो, केतु के साथ हो, दु:ख भाव में हो या किसी भी प्रकार कमजोर हो तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उन्नति नहीं हो पाती। पैसों को लेकर हमेशा समस्याएं बनी रहती हैं। सुख-सुविधाओं की पूर्ति नहीं हो पाती और जीवन में समृद्धि नहीं आ पाती। ऐसे में शुक्र को बल देने के लिए व्यक्ति को ओपल धारण कराया जाता है।
ओपल धारण करने पर व्यक्ति का शुक्र मजबूत होने लगता है। इससे व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ता है। जीवन में आर्थिक उन्नति बढ़ती है जिससे आर्थिक पक्ष मजबूत बनता है। जीवन में समृद्धि बढ़ती है और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ती होती है। पुरुषों के लिए ओपल धारण करना उनके वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत शुभ देता है। उनके जीवन में मधुरता बढ़ती है और वैवाहिक जीवन स्थिर बना रहता है। जिन पुरुषों की कुंडली में शुक्र कमजोर होने से उनका विवाह होने में अड़चने आ रही होती हैं उनके लिए ओपल धारण करना विवाह योग को मजबूत करता है। कुंडली में अगर शुक्र की दशा चल रही हो तो ओपल धारण करने से शुक्र की दशा में अच्छे रिजल्ट्स मिलने लगते हैं।