डेस्क। आज जया एकादशी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जया एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की अराधना और व्रत-उपवास किया जाता है। खास बात यह है कि इस साल जया एकादशी शुभ संयोग में पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जया एकादशी के दिन रवि योग और त्रिपुष्कर योग बन रहा है। मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत और व्रत कथा का श्रवण करने मात्र से कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही सुख-सौभाग्य व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जया एकादशी शुभ मुहूर्त-
जया एकादशी व्रत तिथि- 23 फरवरी, दिन मंगलवार
जया एकादशी व्रत पारण- 24 फरवरी सुबह 06:55 बजे से 09:11 बजे तक।
रवियोग- 23 फरवरी के दिन सुबह 06:52 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक।
त्रिपुष्कर योग- 23 फरवरी के दिन शाम को 06:05 बजे से 24 फरवरी की सुबह 06:51 बजे तक।
जया एकादशी की पूजा विधि-
- एकादशी के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- अब घर के मंदिर में एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- ऐसा करने के बाद एक लोटे में गंगाजल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलएं।
- इसके बाद इस लोटे के जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिडक़ें।
- इसी लोटे से घट स्थापना कर दें।
- अब भगवान विष्णु को धूप-दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
- घी के दीपक से विष्णु की आरती उतारते हुए विष्णु सहस्नाम का पाठ करें।
- श्री हरि विष्णु को तुलसी दल का प्रयोग करके तिल का भोग लगाएं।
- इस दिन तिल का दान करना उत्तम माना जाता है।
- शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा कर फलाहार ग्रहण करें।
- अगले दिन द्वादशी को सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा देकर विदा करें। ऐसा करने के बाद खुद भी भोजन ग्रहण करते हुए अपने व्रत का पारण करें।