आर्थिक तंगी से बिकेगा ओशो आश्रम

पुणे। ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिजॉर्ट सुर्खियों में है और वजह है आश्रम के एक हिस्से की बिक्री का प्लान। ज्यूरिख बेस्ड ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन ने कोविड-19 की मार की वजह से आर्थिक तंगी का हवाला देकर यह फैसला किया है। इसी फाउंडेशन के पास कोरेगांव पार्क एरिया के आश्रम का हिस्सा है। इसके जिन दो प्लॉट को बेचने की तैयारी की जा रही है उनकी कीमत 107 करोड़ रुपए लगाई गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओशो रजनीश की ओर से स्थापित संप्रदाय के हेडक्वॉर्टर ने पिछले साल मार्च में महामारी की वजह से आश्रम के क्रियाकलापों को स्थगित कर दिया था। सभी सुविधाओं से पूर्ण आश्रम में दुनियाभर के अमीर और मशहूर लोग यहां ध्यान और योग के लिए आते हैं। फाउंडेशन ने 1.5 एकड़ के दो प्लॉट बेचने का फैसला किया है, जिनमें एक स्वीमिंग पूल और एक टेनिस कोर्ट है। इन दोनों प्लॉट को पड़ोस में रहने वाले बजाज ऑटो के एमडी और सीईओ राजीव बजाज को बेचने का फैसला किया गया है। चूंकि एक चेरिटेबल ट्रस्ट है, इसने चैरिटी कमिशन मुंबई के सामने जनवरी में एक आवेदन दिया है और दो प्लॉट को बेचने की मंजूरी मांगी है। हालांकि, ओशो के अनुयायियों के एक समूह ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन ने इस बिक्री पर आपत्ति जाहिर की है और चैरिटी कमिश्नर ने समूह को केस में हस्तक्षेप की अनुमति दी है। ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन के योगेश ठक्कर ने कहा, ”आवदेन के मुताबिक, प्रॉपर्टी को 107 करोड़ रुपए में पड़ोसी राजीव नयन राहुल कुमार बजाज को बेचा जा रहा है। 50 करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। चैरिटी कमिश्नर ने हमें 15 मार्च को सुनने पर सहमति दी है।”