मुंबई। शिवसेना ने रविवार को प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कॉलम लिखकर राहुल गांधी को सरल और खुले दिल वाला बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि इमरजेंसी का मुद्दा पुराना हो चुका है। जनता इंदिरा गांधी को सबक भी सिखा चुकी है और बाद में माफी देते हुए वापस सत्ता भी सौंपी। शिवसेना ने बार-बार इमरजेंसी के मुद्दे को ही क्यों पीसना है। शिवसेना ने कहा कि इमरजेंसी में जिन लोगों को दिक्कतें हुईं, लोगों को जो जुल्म सहना पड़ा, उस पर इंदिरा गांधी ने खेद प्रकट किया।उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कबूल किया और कहा कि इमरजेंसी फिर लागू नहीं की जाएगी। शिवसेना ने कहा कि आज की स्थिति को देखकर यह भी कहना गलत नहीं होगा कि इमरजेंसी ठीक थी। मुखपत्र सामना के कॉलम रोखठोक में लिखा, ”इमरजेंसी की घटना गलत थी, यह मेरी दादी ने माना है। अभी के समय में देश की परिस्थिति उस समय की तुलना में पूरी तरह से अलग है, ऐसा मत राहुल गांधी ने व्यक्त किया है। राहुल गांधी सरल एवं खुले दिलवाले हैं। इमरजेंसी पर उन्होंने सहजता से बोल दिया और उस पर पिसाई शुरू हो गई, चर्चा शुरू हो गई।” शिवसेना ने कहा कि इमरजेंसी को इंदिरा गांधी ने एक विशेष परिस्थितियों में लागू किया था और उसे हुए जमाना बीत चुका है। जिनका इमरजेंसी से कभी संबंध नहीं रहा, ऐसी पीढ़ी राजनीति, पत्रकारिता में है। उस समय का जिन पर कभी साया नहीं पड़ा, ऐसे लोग मंत्रिमंडल में हैं। शिवसेना ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग आज भी इमरजेंसी के नाम पर चक्की पीस रहे हैं और इस पर आश्चर्य होता है।