चंडीपाठ कर, नंदीग्राम से ममता ने फूंका चुनावी बिगुल

नंदीग्राम। पश्चिम बंगाल चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुकीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को यहां रैली की और मंच से ही दुर्गासप्तशती का पाठ भी किया। उन्होंने नंदीग्राम के आंदोलन और अपने संघर्ष को दोहराया। ममता बनर्जी ने कहा, ”सिंगूर के बाद नंदीग्राम का ही आंदोलन हुआ था। मैं गांव की बेटी हूं। नंदीग्राम के दौरान मुझ पर बहुत से अत्याचार हुए थे। मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं।”मंच से ही चंडीपाठ करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैं हिंदू हूं, कोई मुझे हिंदुत्व न सिखाए। मुझे नंदीग्राम आने से रोका गया था। यदि उस दौर में नंदीग्राम की मां और बहनें आगे न आतीं तो मूवमेंट नहीं होता।” ममता बनर्जी ने कहा, ”मैंने लोगों की मांग के चलते नंदीग्राम से चुनाव लडऩे का फैसला किया। मैंने मन बना लिया था कि मैं इस बार या तो सिंगूर से या फिर नंदीग्राम से चुनाव लड़ूंगी। नंदीग्राम की सीट खाली हो गई थी, इसलिए यहां से लडऩे का फैसला किया।” उन्होंने लोगों से कहा कि यदि आप लोग मुझे कहेंगे कि मुझे यहां से लडऩा चाहिए तभी मैं नॉमिनेशन कराऊंगी। ममता बनर्जी ने इस रैली में 11 मार्च को पार्टी का मेनिफेस्टो जारी करने का भी ऐलान किया। वह 10 मार्च को पर्चा दाखिल करने वाली हैं। ममता बनर्जी के तेवरों से साफ है कि इस सीट पर बेहद रोचक मुकाबला होने वाला है। 2016 में इस सीट पर 67 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने वाले शुभेंदु अधिकारी को बीजेपी ने उनके मुकाबले उतारा है।