उइगरों मुस्लिमों को खत्म करने पर जुटा चीन

नई दिल्ली। चीनी सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताडि़त करती आ रही है। पुरुषों के अलावा, महिलाओं को भी तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने उइगरों के साथ यूनाइटेड नेशन जेनोसाइड कनवेंशन के सभी प्रोविजन्स का उल्लंघन किया है। यह रिपोर्ट इंटरनेशल लॉ, जेनोसाइड, वॉर क्राइम्स पर 50 से अधिक एक्सपट्र्स द्वारा पेश की गई है। वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के को-ऑथर अजीम इब्राहिम ने कहा कि चीन के खिलाफ नरसंहार के आरोप का समर्थन करने के लिए काफी सबूत हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2014 से शिनजियांग में बनाई गई आसाधारण आंतरिक सुविधाओं में 10-20 लाख लोग कैद हैं। इसमें इन कैंप्स में यौन उत्पीडऩ, जबरन नसबंदी, फिजिकल टॉर्चर, ब्रेनवाशिंग और अज्ञात लोगों की मौत के बारे में भी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया, ”डिटेंशन साइट में हिरासत में लिए गए उइगर बंदियों के साथ व्यवस्थित रूप से प्रताडि़त, यौन हिंसाएं- जिसमें रेप, क्रूर घटनाएं, अमानवीय और अपमानजनक उपचार आदि शामिल है- की जाती हैं। इसके साथ ही उन्हें बुनियादी मानवीय जरूरतों से वंचित और गंभीर रूप से अपमानित किया जाता है।”रिपोर्ट के निष्कर्ष काफी हद तक अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के आकलन के अनुसार ही हैं, जिसमें दिसंबर 2018 में कहा गया था कि चीनी अधिकारियों ने 2017 से 20 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों को नजरबंदी शिविरों में हिरासत में लिया है। न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड पॉलिसी की रिपोर्ट, जिसे 2019 में अमेरिका के फेयरफैक्स विश्वविद्यालय द्वारा एक नॉनपार्टिसन थिंक टैंक के रूप में स्थापित किया गया था, को संभवत: शिनजियांग में नरसंहार के आरोपों के पहले स्वतंत्र विश्लेषण के रूप में देखा जा रहा है।