नई दिल्ली। जब इस साल जनवरी में सिविल इंजीनियर से राजनेता बने 25 वर्षीय देबांग्शु भट्टाचार्य ने ‘खेला होबे’ गाना लिखा था, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह इतना वायरल हो जाएगा और बंगाल के विधानसभा चुनाव में गूंजता रहेगा। लिखे जाने के बाद तीन महीने बाद ‘खेला होबे’ रैप सॉन्ग और इसका वर्जन खासकर यह लाइन ‘खेला होबे’ पूरी तरह से चुनावी माहौल में छाया हुआ है और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का प्रमुख स्लोगन बन चुका है। ‘खेला होबे’ से पहले भट्टाचार्य ने टीएमसी के लिए पहले भी कई गानें लिखे हैं। उनके गाने ‘ममता दी और एक बार’ और ‘दिल्ली जाबे हवाई चोटी’ भी लोकप्रिय हो गए हैं। दिल्ली जाबे हवाई चोटी यानी चप्पल को लेकर बाद में यह कहा गया कि ममता बनर्जी चप्पल पहनना पसंद करती हैं और इसे उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा से जोड़ा गया।