बीजिंग। भारत का पड़ोसी देश चीन दुनियाभर में अपनी विस्तारवादी नीति के लिए कुख्यात है। पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ कई महीनों तक तनावपूर्ण हालात रहे तो वहीं अमेरिका के साथ भी चीन के रिश्ते कुछ अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं। पिछले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय अमेरिका चीन पर किस कदर हावी रहता था, यह किसी से छिपा नहीं है। अब नए राष्ट्रपति जो बाइडन के समय भी दोनों के रिश्ते ताइवान, हॉन्ग-कॉन्ग आदि पर तनावपूर्ण ही हैं। इन सबके बीच चीनी राष्ट्रपति ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) को तैयार रहने का आदेश दिया है, जिससे एक बार फिर से नजरें ड्रैगन पर टिक गई हैं। माना जा रहा है कि भारत के बाद अब चीन का अमेरिका से आमना-सामना हो सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से कहा कि वह कठिन एवं जटिल परिस्थितियों में जवाब देने के लिए तैयार रहे। सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के प्रमुख शी जिनपिंग ने बीजिंग में वार्षिक विधायी सत्रों के दौरान सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों के सामने एक पैनल चर्चा में यह बयान दिया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, जिनपिंग ने कहा, ”हमारे देश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति काफी हद तक अस्थिर और अनिश्चित है। पूरी सेना को क्षमता के साथ निर्माण और युद्ध की तत्परता के बीच संबंधों का समन्वय करना चाहिए। किसी भी समय विभिन्न प्रकार की जटिल और कठिन परिस्थितियों का जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की पूरी तरह से रक्षा करना चाहिए और व्यापक निर्माण के लिए मजबूत समर्थन प्रदान करना चाहिए।”