खतरे से बाहर हो गये खट्टर

डेस्क। हरियाणा विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव गिर गया है। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट मिले तो प्रस्ताव के विरोध में 55 वोट पड़े। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चर्चा के दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच गर्मागरम बहस हुई। सदन कांग्रेस के सभी विधायक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन में खड़े हुए। भाजपा और जननायक जनता पार्टी के विधायक अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में खड़े हुए। हरियाणा विधानसभा में करीब छह घंटे की लंबी चर्चा के बाद करीब 5 बजकर 2 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की प्रकिया शुरू हुई। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 32 विधायक खड़े हुए। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कांग्रेस के 30 विधायक और दो निर्दलीय विधायक खड़े हुए।
किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की भाजपा+जेजेपी (जजपा या जननायक जनता पार्टी) गठबंधन वाली सरकार के लिए बुधवार का दिन बहुत अहम है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि खट्टर सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। भाजपा विधायक और विधानसभा में सरकार को समर्थन दे रही दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के विधायक सराकर के साथ नहीं है। कांग्रेस लगातार दुष्यंत चौटाला पर हमला कर रही है और उनसे सरकार के समर्थन वापस लेने की अपील कर रही है। बहरहाल, सरकार की भरोसा है कि वह विश्वास मत हासिल कर लेगी। सरकार की ओर से कांग्रेस पर हमला किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अंदर विश्वास खत्म हो गया है। राज्य विधानसभा में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा,’अविश्वास संस्कृति’ कांग्रेस की पुरानी परंपरा है। हालांकि इस अविश्वास को पार्टी के भीतर देखा जा सकता है, जिसमें पीसी चाको ने पार्टी छोड़ दी (आज)। कभी-कभी यह त्र-23 या अविश्वास राज्य में सुरजेवाला या हुड्डा साहब हैं।