दिनेश शर्मा,गाजियाबाद। गाजियाबाद के प्रतिष्ठित प्रसिद्ध प्राचीन श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठमंदिर में भगवान श्री शिव अपने शिष्यों के साथ नंदी पर सवार होकर बारात लेकर गाजे-बाजे के साथ पहुंचे तथा मां देवी पार्वती रथ पर आरूढ़ होकर आई। भोले बाबा की दिव्य बरात व शुभ विवाह का आयोजन मंदिर श्रृंगार समिति द्वारा आयोजित किया गया। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर में फाल्गुन मास महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि को भगवान शिव तथा मां गौरा का विवाह हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। विवाह से पहले भोले बाबा के भक्तों व शिष्यों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हुए धूम-धड़ाके से बारात निकाली। भगवान श्री दुधेश्वर गर्भ गृह में शिव- गौरा का विवाह संपन्न हुआ। विवाह उपरांत मां गौरा को पालकी में बिठाकर भावभीनी विदाई की गई। इस अवसर पर मंदिर के सिंहद्वार पर जागरण पार्टी दिल्ली वाले निरंतर भगवान भोले व मां गौरा का गुणगान करते रहे। भगवान शिव पार्वती विवाह के पश्चात बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कार्य संपन्न किया गया। तदोपरांत पूज्य गुरुदेव श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद,अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने भगवान शिव मां पार्वती का रूप धारण किए दोनों को सम्मानित किया। प्रथम जलाभिषेक भगवान श्री दूधेश्वर नाथजी का महाराज श्री ने किया तदोपरांत रात्रि 12 बजे भक्तों का जलाभिषेक प्रारंभ हुआ। प्रात:काल आरती,श्रंगार व छप्पन भोग प्रसाद आदि कार्य संपन्न किए गए। मां गौरा व भगवान शिव के शुभ विवाह के अवसर पर मंदिर को रंग बिरंगी लाइटो और झालरों से सजाया गया जिसकी भव्यता देखते ही बनती थी।