बंगाल में किसानों की कामरेडों से ठनी

कोलकाता। दिल्ली की सीमा पर केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने जब ऐलान किया कि वह पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाएगा तब लेफ्ट पार्टियां भी इससे उत्साहित दिखीं। दरअसल, ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के अहम सदस्य हन्नान मोलाह सीपीएम पोलिस ब्यूरो के भी सदस्य हैं। हालांकि, अब जब किसानों का आंदोलन कोलकाता पहुंच चुका है तब यहां पहुंचने वाले किसान नेताओं में बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर तो हैं लेकिन सीपीएम ने खुद को संयुक्त किसान मोर्चा से दूर करना शुरू कर दिया है। दरअसल, बीजेपी के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायतों के लिए सिंगुर और नंदीग्राम को चुना गया है और इन जगहों को वामपंथी अपने लिए लाल सिग्नल के तौर पर मान रहे हैं क्योंकि यही वे जगहे हैं जहां टीएमसी नेता ममता बनर्जी के आंदोलन ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में 34 साल तक रहे लेफ्ट सरकार को उखाड़ दिया था