लखनऊ।(विसं.) स्वास्थ्य भवन में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते माह स्वास्थ्य भवन में संदिग्ध हालात में आग लगने करोड़ो के घोटाले और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की फाइलें जलकर खाक हो गयी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जाँच एसटीएफ को सौंपी थी अभी जाँच पूरी भी नहीं हो पायी थी। कि बुधवार सुबह फिर स्वास्थ्य भवन के प्रथम तलपर आग लगने से हड़कंप मच गया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कार्यालय पहुंचे कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल की आधा दर्जन गाडिय़ों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया तबतक वहां रखे दस्तावेज और कीमती सामान जलकर खाक हो गया। अभी तक आग लगने का कारण शार्ट-सर्किट बताया जा रहा है पुलिस मामले की जाँच कर रही है। डीजी हेल्थ ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दिए हैं आग लगने से कितने का नुकसान हुआ है इसकी जाँच की जा रही है।
वजीरगंज इलाके के हाईकोर्ट के सामने स्थित स्वास्थ्य भवन के प्रथम तल पर डाईरेक्टर जर्नल का द तर है उसी तल पर विभाग के अहम दस्तावेज रखे थे। बताया जाता है बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे वहां सफाई कर्मचारी सफाई कर रहे थे भूतल पर सफाई करने के बाद सफाई कर्मचारी जब प्रथम तल पर पहुंचे तो डायरेक्टर जर्नल के द तर की तरफ गए तो कार्यालय से धुँआ उठता देख उन्होनें शोर मचाया। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते स्वास्थ्य भवन आग की लपटों से धू-धू कर जलने लगा। सफाई कर्मचारी प्रमोद ने आग लगने की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल की आधा दर्जन गाडिय़ों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक वहां रखे दस्तावेज और कीमती सामान जलकर खाक हो गया। आग लगने की वजह शार्ट-सर्किट बताई जा रही है आग लगने से कितने का नुकसान हुआ है इसकी जाँच की जा रही है।
बताते चलें कि 14 जून को रात के करीब 9:00 बजे स्वास्थ्य भवन के तीसरे और चौथे तल पर आग लग गई थी। इसमें हजारों की संख्या में फाइलें जलकर खाक हो गई थी। जिस जगह आग लगी थी वहां पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। इनमें भ्रष्टाचार के तमाम राज उसी फाइल के साथ दफन हो गए। इनमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तमाम महत्वपूर्ण फाइलों के अलावा हाल ही में पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती परीक्षा के परिणाम भी थे। स्वास्थ्य मंत्री ने इस प्रकरण में सीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की मांग की थी। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के पत्र पर ही सीएम अखिलेश यादव ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। एसटीएफ अभी मामले की जाँच कर ही रही थी कि फिर भ्रष्टाचार और घोटालों की फाइलें आग लगने से दफन हो गयी। दो माह में दूसरी बार आग लगने के सवाल पर डीजी हेल्थ डॉ. विजय लक्ष्मी ने बताया कि आग लगने के कारणों का बभी पता नही लग पाया है। कार्यालय के अंदर पानी भरा होने के कारण हम
अंदर नहीं जा पाये हैं। सभागार में आग लगना बताया जा रहा है अंदर देखने के बात ही कुछ कहा जा सकता है। बता दें कि डीजी हेल्थ ने अंदर जाकर देखने की जहमत नही उठाई वह बहार ही दूसरे कार्यालय में बातें करती नजर आई इस मामले में सीएफओ एचएस पाण्डेय बताया आग अज्ञात कारणों से लगी है आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया है मामले की जाँच की जा रही है।