डेस्क। रिंकी कुमारी (महिला, 28 वर्ष, अविवाहित) जो पिछले 15 महीनों से अपने घर से बिछड़ी हुई थी, को उसके परिवार से 24 फऱवरी को ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ एनजीओ, चेन्नई, तमिलनाडु के द्वारा मिलाया गया जब रिंकी कुमारी के पिता (राजेन्द्र प्रसाद वर्मा), और दूर के मामा (नरेश) ‘एस एस समिथि अभया केन्द्रम’ संस्था, कोल्लम जिला, केरल रिंकी कुमारी को वापस घर ले जाने के लिए आए। 26 फरवरी को सायं काल में रिंकी कुमारी अपने पिता, और दूर के मामा के साथ वापस घर पहुँच गई। घर पर सभी लोग बहुत खुश हुए। एस्पाइरिंग लाइव्स ने रिंकी कुमारी के परिवार का पता लगाकर उसको उसके परिवार से मिलाया है। रिंकी कुमारी जो 37 ताहिरपुर रेड लाइट, कोड़ी कॉलोनी, ताहिरपुर, दिल्ली- 110095 की रहने वाली है, 15 महीने पूर्व (29 नवंबर, 2019) अपने इस किराये के घर से लापता हो गई थी। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण रिंकी कुमारी लापता हो गई थी। इसके लापता होने की वजह से इसके परिवार वालों का बुरा हाल था। परिवार ने रिंकी कुमारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट सम्बंधित पुलिस थाना (जीटीबी एन्क्लेव), दिल्ली में 30 नवंबर, 2019 को की। परिवार वालों ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की रिंकी कुमारी को ढ़ूँढऩे की, लेकिन वह नहीं मिल सकी क्योंकि रिंकी कुमारी की मानसिक अस्वस्थता ने उसे घर से काफी दूर (केरल राज्य) पहुँचा दिया था। इसको इसकी असहाय स्थिति में 28 जनवरी, 2020 को वनिता पुलिस स्टेशन, कोल्लम जिला, केरल द्वारा एस एस समिथि अभया केंद्रम नामक संस्था में भर्ती कराया गया ताकि इसका गुजर-बसर हो सके। इस संस्था ने 24 जुलाई, 2020 को एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ जो मानसिक रूप से अस्वस्थ लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाने का कार्य करता है, से संपर्क किया ताकि रिंकी कुमारी को उसके परिवार से मिलाया जा सके। एस्पाइरिंग लाइव्स के मैनेजिंग ट्रस्टी, जिनका नाम ‘मनीष कुमार’ है, से फ़ोन से संपर्क किया गया। मनीष कुमार ने रिंकी कुमारी से 24 जुलाई, 2020 को बात की। रिंकी कुमारी अपनी मानसिक अस्वस्थता के कारण अपने परिवार और घर के बारे में ठीक से नहीं बता पाई। बावजूद इसके, मनीष कुमार ने रिंकी कुमारी के द्वारा बताए हुए अस्पष्ट तथ्यों के आधार पर ही इसके परिवार वालों का पता लगाना प्रारम्भ किया। और, उसी दिन (24 जुलाई) को ही उन्हें रिंकी कुमारी के परिवार वालों का पता लग गया। मनीष कुमार ने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से रिंकी कुमारी के परिवार वालों का पता लगाया। जब मनीष कुमार ने रिंकी कुमारी के परिवार वालों को फ़ोन से रिंकी कुमारी के सकुशल केरल राज्य में होने की बात कही तो उनलोगों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। पूरा परिवार अत्यंत ही खुश हो उठा। यह ख़ुशी इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि रिंकी कुमारी को लापता हुए लम्बा समय बीत चूका था और वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ थी जिसने परिवार वालों को यह भी डर करके रखा था कि रिंकी कुमारी शायद अब इस दुनिया में ही न हो। इसलिए, रिंकी कुमारी के होने भर की खबर मात्र से ही परिवार हर्ष के सागर में डूब गया। कोरोना थोड़ा और कम होने का इंतजार किया गया ताकि इसके परिवार वाले ज्यादा सुरक्षितपूर्वक एस एस समिथि अभया केंद्रम आकर रिंकी कुमारी को वापस अपने घर लेकर जा सकें। इस बीच, रिंकी कुमारी के परिवार वालों का रिंकी कुमारी से फ़ोन के द्वारा संपर्क करवाया जाता रहा। मनीष कुमार ने रेल के आरक्षण से लेकर आगमन-प्रस्थान तक की पूरी जानकारी रिंकी कुमारी के परिवार वालों को दी ताकि वे लोग सुरक्षितपूर्वक रिंकी कुमारी को वापस घर ले जा सकें। रिंकी कुमारी का अपने परिवार से पुनर्मिलन में एस्पाइरिंग लाइव्स की संस्थापक, जिनका नाम फरीहा सुमन है, का भी बहुमूल्य सहयोग रहा है। न केवल रिंकी कुमारी और उनका परिवार अपितु वहाँ के स्थानीय लोग भी रिंकी कुमारी का अपने परिवार से पुनर्मिलन को लेकर अत्यंत ही खुश हैं। एस्पाइरिंग लाइव्स की टीम भी इस पुनर्मिलन से अत्यंत ही प्रसन्न है। आजकल के इस भाग-दौड़ के माहौल में जब पारिवारिक सौहार्द और पारिवारिक बंधन तेजी से कम होता जा रहा है, तब उस परिवेश में रिंकी कुमारी के परिवार वालों ने गरीबी और कोरोना के डर को पीछे छोड़ते हुए पारिवारिक सौहार्द और पारिवारिक बंधन का, दिल्ली से केरल आकर और रिंकी कुमारी को वापस घर ले जाकर, जो अनूठा उदाहरण इस समाज को पेश किया है, उसके लिए हम रिंकी कुमारी के परिवार को सलाम करते हैं। मानसिक रूप से विक्षिप्त रिंकी कुमारी का उसके परिवार के द्वारा उसके गुम होने के बाद अपनाया जाना, बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए, इस परिवार के बारे में लोगों को जानना चाहिए। इस सकारात्मक समाचार का मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार करने का मुख्य उद्देश्य रिंकी कुमारी के परिवार का समाज को दिए गए सन्देश को लोगों तक पहुँचाना है। एस्पाइरिंग लाइव्स संजय बलदेव जो ‘बलदेव हार्डवेयर’ (कोड़ी कॉलोनी, ताहिरपुर में) दुकान चलाते हैं, को रिंकी कुमारी के परिवार का पता लगाने में एस्पाइरिंग लाइव्स को किए गए सहयोग के लिए, धन्यवाद ज्ञापन करता है। एस्पाइरिंग लाइव्स जीटीबी एन्क्लेव पुलिस थाना, दिल्ली का धन्यवाद ज्ञापन करता है। गौरतलब है कि ‘एस्पाइरिंग लाइव्स’ एनजीओ 8 मई, 2018 को पंजीकृत हुई है और बिना किसी बाह्य स्रोत की वित्तीय सहायता से इसने अभी तक 109 मानसिक रूप से असक्षम लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाया है। एस्पाइरिंग लाइव्स की पंजीकृत शाखा तिरुपत्तूर, तमिलनाडु में है।