लखनऊ। बिजली कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने के लिए नया दांव खेलते हुए गुपचुप तरीके से फिर वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल कर दिया है। बिजली कंपनियां चाहती हैं कि नियामक अयोग अब इसके आधार पर उपभोक्ताओं की बिजली दरें सरकारी सब्सिडी और बिना सब्सिडी के घोषित करने पर विचार करे। बिजली कंपनियों ने रिटेल टैरिफ का प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है।
बिजली कंपनियों ने इसके पहले भी वर्ष 2021-22 के लिए (एआरआर) दाखिल किया था, लेकिन नियामक आयोग ने 12 मार्च को इसे लौटा दिया। नियामक आयोग ने इसमें कमियां निकालते हुए कहा कि बिजली कंपनियां अनुमोदित बिजनेस प्लान के आधार पर इसे बनाकर दाखिल करें। इसके बाद भी बिजली कंपनियों ने सोमवार की रात गुपचुप तरीके से गोलमोल जबाब के आधार पर एआरआर दाखिल कर दिया। इसे बिजनेस प्लान के आकड़ों के तहत संशोधित नहीं किया गया। इतना ही नहीं आयोग द्वारा बिजली कंपनियों को रिटेल टैरिफ श्रेणी वाइज दाखिल करने का जो निर्देश दिया था उसे भी बिजली कंपनियों ने नहीं माना।