सोशल साइट पर अभी भी जिंदा है याकूब, खुफिया एजेंसिया परेशान

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इलाहाबाद। 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाके के आरोपी याकूब मेमन की सोशल साइट गाथा ने खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप जैसे माध्यमों पर उसे खुदा का बंदा बताते हुए उसकी वकालत की जा रही है। वर्ग विशेष वर्ग के लोगों से लेकर सरकारी अफसर तक की टिप्पणी ने आईबी, एलआइयू और पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। सोशल साइटों पर लगातार पोस्ट हो रही याकूब मेमन की तस्वीर, मैसेज और कमेंट की पड़ताल हो सके इसलिए खुफिया से जुड़े लोग सक्रिय हैं। इलाहाबाद, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, फतेहपुर के अलावा पूर्वाचल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम फेसबुक यूजर याकूब को फांसी देने पर नाराजगी जताते हुए उसे निर्दोष बता रहे हैं। फांसी का बदला लेने और खास वर्ग के युवाओं को एकजुट करने की अपीलें भी हो रही हैं। इलाहाबाद शहर के एक पार्षद, लखनऊ के एक अफसर, कानपुर की एक नेत्री तक के पोस्ट याकूब के पक्ष में हैं। खुफिया से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर पुलिस को रिपोर्ट दी जाएगी ताकि नियमानुसार कार्रवाई हो सके।