शिवांश पांडे। नगर निगम के कर्मचारी इस कोरोना काल में बेलगाम हो गये हैं। उनकी वसूली चरम पर है। मामला लखनऊ नगर निगम के ज़ोन 4 का है जहाँ पीडि़त रवि सोनकर(पिता)/ गोयल सोनकर(पुत्र) से नगर निगम क्लर्क (गोमतीं नगर राजीव गांधी -2) द्वारा पीडि़त के नाना की ज़मीन के म्युटेशन के नाम पर उगाही की जा रही है। पीडि़त के अनुसार क्लर्क अपने चपरासी के माध्यम से पीडि़त से काम करने के एवज में वसूली करना चाह रही हैं। पीडि़त ने जनसंदेश को बताया कि सारे ज़रूरी कागज़़ होने के बाद भी पीडि़त से एक लाख रुपये की मांग की जा रही है। पीडि़त का कहना है की उन्होंने रमेश वर्मा को अपने नाना के घर के म्युटेशन के लिए रिश्वत के तौर पर पहले 5000 दिए लेकिन अब जब पैसा देने के बाद जब पीडि़त के पुत्र गोयल सोनकर ने रमेश वर्मा को कॉल करके बोला की काम करवा दीजिये , तो रमेश वर्मा बोला, में मैडम से बात करता हूँ और अगर भरोसा नही है तो पैसा वापस लेलो। पीडि़त ने ये भी बताया कि रिश्वत लेने के बाद भी मैडम कोई बात करने को तैयार नहीं हैं। दरअसल म्युटेशन के काम के लिए पहके पीडि़त से ₹5000 नगर निगम की क्लर्क द्वारा मांगे गए ,लेकिन जब क्लर्क मैडम को पता चला की प्रॉपर्टी की कीमत लाखों में है तो मैडम ने पीडि़त से एक लाख की डिमांड कर दी।
पीडि़त रवि सोनकर शुगर के मरीज़ हैं और लगातार कराई जा रही दौड़ भाग के वजह से उनको मानसिक पीड़ा हो रही है।
म्युटेशन के नाम पर नगर निगम कर्मी कर रहे वसूली
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