आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर मेनका चिंतित

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नई दिल्ली। केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्लू) के साथ एक बैठक की। केन्द्रीय मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी प्रशिक्षकों को उनकी सेवाओं के लिये समय पर भुगतान के बारे में गैर-जिम्मेदाराना और लापरवाही का रवैया अपना रही हैं, जोकि गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय सभी राज्यों से संपर्क करेगा और उन राज्यों को पत्र लिखेगा, जो भुगतान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आईसीडीएस के पछले कई वर्षों के कामकाज पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा इससे बच्चों में कुपोषण का स्तर बढ़ा है।
यह बैठक महिला और बाल विकास मंत्रालय की शिशुगृह योजना और आईसीडीएस के अंर्तगत आंगनवाडियों के प्रशिक्षण के बारे में सदस्यों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। आईसीसीडब्लू देशभर में 450 जिलों में 5 हजार 3 सौ शिशुगृह चला रहा हैं। सदस्यों ने शिशुगृह के कार्यकर्ताओं और सहायकों को मिलने वाले कम पारिश्रमिक, जटिल क्षेत्रों में शिशुगृह स्थापित करने में आने वाली कठनाई और राज्य सरकारों द्वारा आंगनवाड़ी प्रशिक्षकों को भुगतान की बकाया राशि तथा अन्य समस्याओं को उजागर किया। श्रीमती मेनका गांधी ने उन्हें मुद्दों के विवरण और आवश्यक कार्रवाई के साथ प्रतिवेदन देने को कहा, ताकि यह मामला वित्त मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ उठाया जा सके। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में स्वच्छता, सफाई और बच्चों के लिए खानपान की गुणवत्ता आदि के बारे में ज्ञान की कमी है। इससे पता चलता है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण समुचित नहीं है। कुपोषण बढ़ता जा रहा है, क्योंकि संस्थाएं कई वर्षों से अच्छा काम नहीं कर रहीं और अब कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार करने का समय आ गया है। केन्द्रीय मंत्री ने उनसे गंभीर कुपोषण वाले क्षेत्रों के मानचित्र का अध्ययन करने और उनके मंत्रालय के साथ मिलकर कुपोषण की चिंताजनक समस्या से निपटने की रणनीति बनाने को कहा। आईसीसीडब्लू के सदस्यों ने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिशुगृहों और आंगनवाड़ी केन्द्रों की निरीक्षण के लिए अलग बजट प्रावधान किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने शिशुगृह के कार्यकात्र्ताओं को भविष्य निधि का भुगतान करने के अदालत के निर्देश से संबंधित समस्या भी रखी। उन्होंने कहा कि यह बाल कल्याण परिषदों की क्षमता में नहीं आता।श्रीमती मेनका संजय गांधी ने परिषद को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया बशर्ते वे स्पष्ट रणनीति प्रस्तुत करें और शिशुगृहों तथा आंगनवाडिय़ों में सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।आईसीसीडब्लू के अतंर्गत बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत कई गैर-सरकारी संगठन और लाभ अर्जन न करने वाले संगठन आते हैं। आईसीसीडब्लू के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व परिषद की अध्यक्ष श्रीमती गीता सिद्धार्थ ने किया।