हेल्थ डेस्क। पक्के सबूत मिल गए हैं कि कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार वायरस हवा के जरिए फैल रहा है। मेडिकल जर्नल लेंसेट में छपे एक शोध में यह दावा किया गया है। इसलिए जनस्वास्थ्य के उपाय वायरस को रोकने में सफल नहीं हो रहे हैं, क्योंकि हवा में वायरस के होने की वजह से लोग असुरक्षित हैं और संक्रमण को फैलने का मौका मिल रहा है। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के छह विशेषज्ञों ने यह पड़ताल की है और सबूत जुटाए हैं। इनमें कोऑपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायरमेंट साइंसेज (सीआईआरईएस) के केमिस्ट जोस- लुइस जिमेनेज भी शामिल हैं।
जिमेनेज ने कहा, ”हवा के जरिए संक्रमण के सबूत काफी मजबूत हैं और बड़े ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन के समर्थन के लिए सबूत ना के बराबर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और जन स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली अन्य एजेंसियों को इन वैज्ञानिक सबूतों को अपनाना चाहिए ताकि वायु जनित संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें।” ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ट्रिश ग्रीनहाल के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने प्रकाशित शोध की समीक्षा की और हवा जनित संक्रमण की पुष्टि करने वाले साक्ष्यों की पहचान की। उनकी सूची में पहले स्थान पर स्कैगिट चोईर जैसा सूपर स्प्रेडर इवेंट है, जिसमें एक व्यक्ति से 53 लोग संक्रमित हो गए थे। अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई कि है कि इन घटनाओं को निकट संपर्क या एक ही सतहों या वस्तुओं को छूने से जैसी तर्कों से पर्याप्त रूप से समझाया नहीं जा सकता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि का ट्रांसमिशन आउटडोर के मुकाबले इंडोर में ज्यादा होता है और इंडोर वेंटिलेशन से संक्रमण काफी घट जाता है। टीम ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि बिना लक्षण वाले ऐसे लोगों की संक्रमण फैलाने में कम से कम 40 फीसदी हिस्सेदारी है, जो खांसते या छींकते नहीं हैं। यह साइलेंट ट्रांसमिशन दुनियाभर में कोरोना फैलने के पीछे काफी हद तक जिम्मेदार है, जोकि वायु जनित संचरण को बल देता है। शोधकर्ताओं ने यह भी दिखाया है कि वायरस होटलों में साथ जुड़े कमरों में मौजूद उन लोगों के बीच भी संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति तक गया है जो कभी साथ नहीं आए।
हवा से फैल रहा है वायरस: मिले सबूत
