कांग्रेस की डूबी पूरे देश में लुटिया

नई दिल्ली। देश की सत्ता पर वर्षों तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का पश्चिम बंगाल से लेकर पुडुचेरी तक काफी खराब प्रदर्शन रहा है। इसके बावजूद पार्टी दूसरों की हार-जीत पर ही खुशी का इजाहर कर रही है। बंगाल में जहां ममता की आंधी में बीजेपी का सरकार बनाने का सपना धरा का धरा रहा गया वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। इसके अलावा केरल, असम और पुडुचेरी में भी कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। बंगाल में सबसे बड़ा झटका वामपंथी दलों और कांग्रेस के गठबंधन को लगा है जिसका खाता तक नहीं खुल सका है। राज्य में तीन दशक तक निर्बाध शासन करने वाले वामपंथी दल और दो दशक तक लगातार शासन करने वाली कांग्रेस पहली बार विधानसभा से बाहर होगी। वामपंथी दल और कांग्रेस के गठबंधन का भरभरा कर गिर जाना तृणमूल कांग्रेस के लिए बेहद फायदेमंद हुआ। उसने बड़े आराम से 200 पार का आंकड़ा हासिल किया, जबकि भाजपा तीन अंकों (सौ और आगे) तक भी नहीं पहुंच सकी। कांग्रेस पार्टी एक भी सीट पर जीत दर्ज कर पाने में असफल रही।
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लडऩे का फैसला किया। यहां से उन्हें बंपर जीत भी मिली थी। इसके बाद वह लगातार केरल का दौरा करते रहे। इस विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्होंने सबसे ज्यादा समय केरल में ही बिताया था। हालांकि राहुल ने जिस हिसाब से केरल में अपनी ताकत झोंकी, उस हिसाब से पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। 56 विधायकों वाली कांग्रेस चुनाव नतीजे में सिर्फ 40 सीट जीतने में सफल रही। असम में चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर दिया था। उन्होंने एक समय लगा था कि वह सत्ता के नजदीक पहुंच सकती है। हालांकि परिणाम कुछ और रहे। असम चुनाव में राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंक गांधी ने काफी चुनाव प्रचार किए। उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए शॉफ्ट हिंदुत्व का भी सहारा लिया, बावजूद राज्य का सत्ता में वापसी में सफलता नहीं मिली। कांग्रेस पार्टी सत्ता के नजदीक भी नहीं पहुंच सकी। इस चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी को 10 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। वह 46 से 36 सीटों पर समिटकर रह गई।
विधायकों के इस्तीफे के साथ ही चुनावों की घोषणा से ठीक पहले केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में कांग्रेस पार्टी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासान लगा दिया था। इस विधआनसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सत्ता से बेदखल होने वाली पार्टी 23 से सीधे 4 सीट पर आकर रुकी है। यह काफी ही निराशाजनक प्रदर्शन है।