दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। शहर में बढ़ते कोरोना मरीजों को गत दिनों में ऑक्सीजन,इंजेक्शन,आईसीयू बेड उपलब्धता व अन्य मेडिकल सुविधाओं के लिए बहुत ही ज्यादा परेशानी में देखा जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के द्वारा शहर वासियों की ऑक्सीजन, आईसीयू बेड आदि समस्याओं के समाधान के क्रम में अस्पतालों का जायजा किया गया। कोरोना से संक्रमित मरीजों हेतु बेड की उपलब्धता,ऑक्सीजन व बेहतर मेडिकल सुविधाओं के दृष्टिगत नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर,सिटी मजिस्ट्रेट,एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार,एसीएम विनय कुमार द्वारा गाजियाबाद के अस्पतालों का रविवार को निरीक्षण किया गया। अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में कुल बेड की संख्या, उपलब्ध ऑक्सीजन बेड,आईसीयू बेड की संख्या,मरीजों की संख्या,उपयोग में लाई जाने वाली ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या व अन्य मेडिकल सुविधाओं हेतु निरीक्षण कर अस्पतालों के प्रबंधकों से वार्ता की गई। निरीक्षण के दौरान कई प्राइवेट अस्पतालों की लॉग बुक से जानकारी प्राप्त हुई कि 30 से 45 मिनट में लगभग 20 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है जो कि गैस टेक्नीशियन द्वारा बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही है। अस्पतालों के स्टोर में ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में पाए गए। निरीक्षण के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम द्वारा अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध होने पर भी अस्पतालों में प्रति बेड ऑक्सीजन आवश्यकता के आधार पर ऑक्सीजन डिमांड रिपोर्ट तैयार की गई ताकि उस आधार पर ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार की जा सके। मरीजों को ऑक्सीजन संबंधित किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न आगामी दिनों में ना हो। अस्पताल के गेट पर फुल बेड का बोर्ड लगा हुआ पाया गया किंतु वास्तविकता के आधार पर यह बिल्कुल गलत निरीक्षण के दौरान साबित हुआ। अस्पताल में आईसीयू बेड 10 रिक्त पाए गए। उपस्थित मरीजों का भी गाजियाबाद से बाहर वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन पाया गया जो की आपत्तिजनक है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अस्पताल प्रबंधन को बुलाए जाने पर मौके पर अस्पताल से कोई जिम्मेदार स्टाफ उपस्थित नहीं हुआ। काफी इंतजार करने के बाद अस्पताल से जीएम (ऑपरेशन) सुरेश उपस्थित हुए जो कि मरीजों के प्रति अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार द्वारा निरीक्षण के दौरान बायो मेडिकल वेस्ट तथा जनरल वेस्ट का निस्तारण सिंगल विंडो पाया गया जोकि बायो सॉलिड़ वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम 2016 का उल्लंघन है जिसके तहत अस्पताल पर ₹100000 का जुर्माना तथा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 48 घंटे के समय अंतराल में यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्यवाही भी की जाएगी। नगर आयुक्त गाजियाबाद महेंद्र सिंह तवर द्वारा बताया गया कि शहर के मरीजों को यदि किसी भी प्रकार की परेशानी अस्पताल अपने लाभ की वशीभूत उत्पन्न करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी साथ ही नगर आयुक्त द्वारा गाजियाबाद की मरीजों को प्राथमिकता देने तथा शहर के अस्पतालों के प्रबंधकों से ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्धता में किसी प्रकार की परेशानी को प्रशासन से तत्काल बताने के लिए कहा गया।
ऑक्सीजन व मेडिकल सुविधा जांचने अधिकारियों ने लिया अस्पतालों का जायजा
