कोरोना से हुए बर्बाद फिर भी नगर निगम 15 परसेंट टैक्स लेने पर आमादा

गाजियाबाद। कोरोना महामारी की वजह से जनपद के ज्यादातर नागरिक अपनी नौकरी गवा चुके तथा व्यापार अथवा रोजगार के अन्य जरिए लगभग खत्म हो जाने के बावजूद नगर निगम द्वारा गाजियाबाद के नागरिकों पर 15 प्रतिशत गृह कर लगाने की बात सामने आई है। पिछले वर्ष जब करना कि पहली लहर आई थी तब मेयर आशा शर्मा द्वारा यह आश्वस्त करवाया गया था गया था कि कोरोना महामारी बीमारी से जूझती हुई यहां की जनता पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा परंतु इस बार उनकी तरफ से ऐसा कोई आश्वासन यहां की जनता को नहीं मिला। इस बार जबकि कोरोना महामारी प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तरह गाजियाबाद जनपद पर भी कहर बनकर टूटी है, ऐसे समय में कोरोना की प्रचंड मार से कराहती हुई यहां की जनता को संवेदना की मरहम लगाने की बजाए नगर निगम द्वारा 15 परसेंट का टैक्स थोप दिया गया है। जनपद में ऐसे बहुत से परिवार हैं जिनके घर का मुखिया कोरोना के कारण चल बसा है । कुछ तो परिवार ऐसे भी हैं जिनके एक से अधिक सदस्य कोरोना के शिकार हुए हैं । लॉक डाउन की वजह से जनपद की सारी दुकानें बंद है और व्यापार चौपट है । बच्चों के स्कूल बंद होने के बावजूद उनके अभिभावकों से नियमित रूप से फीस वसूली जा रही है। जिन व्यक्तियों ने लोन ले रखा है उनकी ईएमआई बैंकों द्वारा नियमित रूप से काटी जा रही है। ऐसे में नगर निगम को मानवता के नाते संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए । पिछले साल नगर निगम द्वारा 10त्न टैक्स में वृद्धि की योजना थी जिसे कोरोना महामारी के कारण रोक दिया गया था। परंतु इस वर्ष उस टैक्स में और 5त्न जोडक़र जनता पर थोपा जा रहा है जो कि सर्वथा अनुचित है।