मोदीनगर। कोरोना महामारी ने एक और जहां लोगों में समाज सेवा परस्पर सहयोग एवं सद्भावना विकसित की है वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों द्वारा इस आपदा को अवसर रूपांतरित करके अधिक से अधिक पैसा बटोरने के चक्कर में मानव से दानव बन बैठे हैं। चाहे वह रेमदेसीविर इंजेक्शन हो, ऑक्सीजन सिलेंडर हो, अस्पतालों में बेड हो या दवाइयां हो, हर चीज में फर्जीवाड़ा तथा कालाबाजारी शुरू हो गई। मास्क, सैनिटाइजर, खाद्य सामग्री , फल जिस चीज पर हाथ रख दीजिए उस चीज में आग लगी हुई है । मोदीनगर के बाजारों से गुजरते हुए हमने यह पाया कि एक और जहां कोरोना के लिए मुफीद एन -95 के ओरिजिनल मास्क नदारद हैं वही नकली एन- 95 मास्क की बिक्री यहां की केमिस्ट शॉप में धड़ल्ले से हो रही है। कोरोना की पिछली लहर में जब स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एन -95 की गुणवत्ता के बारे में बताया गया था तो अचानक बाजार में तेजी से ओरिजिनल एन -95 मास्क गायब हो गए थे तथा उस वक्त आम जनता की बात तो छोड़ दीजिए , अस्पताल के डॉक्टरों तक यह मास्क उपलब्ध नहीं हो पाते थे। पर अब जबकि देश कोरोनावा की दूसरी लहर को झेल रहा है, एन -95 मस्क की स्थिति जस की तस बनी हुई है। अलबत्ता नकली एन -95 मास्क की इस समय बाजार में बाढ़ सी आई हुई है। फिलहाल बाजार में एन -95 के नाम पर जो मास्क उपलब्ध है उनमें से ज्यादातर नकली है।
एन -95 के नाम पर बाजार में डुप्लीकेट मास्क की भरमार
