साहिबाबाद। विगत लगभग 6 महीनों से केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा आंदोलनरत किसानों के प्रति संवेदनहीन होने तथा पूरी तरह से 26 आदमी का आरोप लगाया गया है । उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों से लगातार किसान आंदोलन पर बैठे हैं और सरकार फिर भी भी उनसे बात करने तैयार नहीं ।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि किसान अपने झोपड़ी घर ट्रैक्टर ट्रॉली तथा अन्य सभी वाहनों पर सरकार के कानूनों के विरोध में काले झंडे लगाएं । इससे में सोशल मीडिया के जरिए भी किसानों को संदेश भेजे जा रहे हैं। बाकी यू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है । इसलिए आंदोलन स्थल को ही किसानों ने अपना घर बना लिया है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार मिल नहीं रही थी पर अब तो बोल ही नहीं रही है। लेकिन इससे ना तो किसानों का मन विचलित होगा और ना ही आंदोलन पर बैठे किसानों का आंदोलन समाप्त होगा । कोरोना के समय भी किसान शांति से आंदोलन में बैठे हुए है अत: सरकार हमें ना छेड़े । इस समय आम जनता की मदद के लिए सरकार को केवल और केवल अस्पतालों और जनता की स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए ।
काले झंडे लगाकर किसान कानूनों का विरोध करेंगे
