भोपाल। कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने जनता कफ्र्यू में ढील देने का फैसला लिया है। यह ढील उन जिलों में ही दी जाएगी, जहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम है। राज्य के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कैबिनेट मंत्रियों की एक मीटिंग में सूबे में कारोबारी गतिविधियों को भी एक बार फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया। नरोत्तम मिश्रा ने 1 जून से दी जाने वाली राहतों का ऐलान करते हुए बताया, ‘निर्माण कार्य और अन्य कारोबारी गतिविधियों को 1 जून से शुरू किया जाएगा।’
यही नहीं सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज कुछ हद तक सामान्य हो सकेगा। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘सरकारी दफ्तरों को 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खोला जाएगा। इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफिस, कृषि मंडियों और किसान कल्याण विभाग के कार्यालयों में कर्मचारियों की 100 फीसदी उपस्थिति रहेगी।’ यही नहीं राज्य में शादियों की भी अनुमति देने का फैसला लिया गया है। लेकिन दूल्हा और दुल्हन समेत सिर्फ 20 लोगों की ही मौजूदगी की अनुमति रहेगी। यही नहीं शादी में आने वाले सभी अतिथियों का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना जरूरी होगा।
मंदिरों, मस्जिदों समेत सभी धार्मिक स्थलों को भी खोलने का फैसला लिया गया है। लेकिन एक समय में परिसर में दो लोगों की ही मौजूदगी रहेगी। हालांकि सार्वजनिक गतिविधियों पर अभी रोक रहेगी। राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों के जुटान पर रोक जारी रहेगी। मंत्री ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की ओर से प्रतिबंधों को हटाने पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि राज्य में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 23 पर्सेंट तक पहुंच जाने पर जनता कफ्र्यू का ऐलान किया गया था। इससे पहले भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई शहरों में नाइट कफ्र्यू लागू किया गया था। लेकिन हालात में काबू न हो पाने पर जनता कफ्र्यू लागू करने का फैसला हुआ था।