नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए खराब गुणवत्ता वाले मास्क बेचे जाने का दावा करने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से जानना चाहा कि क्या मास्क का उत्पादन और बिक्री नियमों और मानदंडों के अनुसार हो रहा है या नहीं। एक जनहित याचिका में कोविड-19 से सुरक्षा के लिए राजधानी में मास्क के उत्पादन और बिक्री का मानदंड तय करने के लिए नियामक संस्था बनाने का अनुरोध किया गया था। याचिका में दिल्ली सरकार को मास्क के उत्पादन और बिक्री के लिए बने नियम लागू करने का निर्देश दिल्ली सरकार को देने का अनुरोध किया गया है। चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध याचिका का दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष के. त्रिपाठी ने विरोध करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि मास्क के उत्पादन और बिक्री के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स (बीआईएस) द्वारा मानदंड बनाया गया है। याचिका दायर करने वाले कार्यकर्ता ने कहा कि मास्क के उत्पादन और बिक्री के संबंध में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मास्क के उत्पादन और बिक्री के संबंध में नियमों और मानदंडों के सीमित पहलुओं के क्रियान्वयन पर दिल्ली सरकार का रुख जानना चाहा। कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले से भी उन विशेष परिस्थितियों के बारे में बताने को कहा जहां नियमों और मानदंडों का पालन नहीं हो रहा है। यह निर्देश देने के साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले को आगे सुनवाई के लिए चार जून को सूचीबद्ध कर दिया।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा: मानक से हो रहा है मास्क उत्पादन
