मोदी सरकार में मालामाल होंगे सांसद

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नई दिल्ली। मोदी सरकार जल्दी ही सांसदों को मालामाल करने वाली है। संयुक्त समिति की सिफारिश अगर केन्द्र सरकार मानती है तो जल्द ही आपके चुने हुए सांसदों का सालाना वेतन 57 लाख रुपये हो जायेगा।
संसद की एक संयुक्त समिति ने सरकार से की गई अनुशंसा में सरकारी कर्मचारियों के वेतन आयोग की तरह ही सांसदों के वेतन में भी समय-समय पर बढ़ोतरी के लिए ऑटोमैटिक पे-रिविजन तंत्र बनाने का प्रस्ताव रखा है। समिति ने यह प्रस्ताव दिया है कि सांसदों का वेतन दोगुना किया जाए और पूर्व सांसदों की पेंशन में 75 फीसदी का इजाफा किया जाए। इस समय सांसदों का वेतन 50 हजार रुपए प्रति माह है। सांसदों को मिलनेवाले दूसरे भत्तों को जोडऩे पर उनका वेतन सालाना लाखों में पहुंचता है। कुछ समय पहले यह जानकारी सामने आई थी कि सांसदों को आज की तारीख में हर महीने एक लाख चालीस हजार रुपए मासिक वेतन (सभी भत्ते मिलाकर) मिलते है। माना जा रहा है कि अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो सासंदों का सालाना वेतन (सभी भत्तों को मिलाकर) 57 लाख रुपए तक पहुंच सकता है। समिति ने यह भी कहा है कि सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने के लिए सांसदों को हर रोज मिलने वाले 2,000 रूपये के भत्ते में भी उचित बढ़ोतरी होनी चाहिए। गौर हो कि अभी सांसदों का वेतन 50,000 रूपए महीना है। कमेटी ने इस पर यह तर्क दिया है कि सांसदों की सैलरी में फेरबदल आखिरी बार 5 साल पहले वर्ष 2010 में हुए थे। वर्ष 2010 में ही सांसदों के वेतन में आखिरी बार इजाफा हुआ है। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि हरेक सांसद को निजी सचिव जैसे अपने सहयोगियों के लिए एक अतिरिक्त एसी फस्र्ट क्लास रेलवे पास मिलना चाहिए। सिफारिशों में शामिल है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत सांसदों को जो लाभ मिलते हैं, उनमें सांसदों के बच्चों और पोते-पोतियों को भी शामिल किया जाए।