जल्द बहुरेंगे घरेलू नौकरों के दिन

domestic servents
नई दिल्ली। घरेलू नौकरों के दिन बहुरने वाले हैं। इन्हें भी वे सारी सुविधाएं मिलेंगी जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलती हैं। मसलन ईएसआई, भविष्य निधि, सवेतन अवकाश, मातृत्व अवकाश वगैरह। इसके लिए सरकार एक राष्ट्रीय नीति तैयार कर रही है। इसके तहत घरेलू नौकरों के लिए एक प्लेसमेंट एजेंसी का गठन किया जाएगा जो मध्यस्थ के रूप में काम करेगी। घरेलू नौकर रखने के इच्छुक लोगों को इस एजेंसी से संपर्क करना होगा।
यह एजेंसी एक त्रिपक्षीय समझौते के तहत घरेलू नौकर प्रदान करेगी। इस समझौते पर सेवायोजक व कामगार के अलावा दो ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के भी हस्ताक्षर होंगे। केंद्रीय श्रम मंत्रालय इन दिनों इस राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार करने में जुटा है। तैयार होने के बाद इस पर विशेषज्ञों, श्रम संगठनों और जनता की राय ली जाएगी। चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाएगा। नीति के तहत घरेलू नौकर रखने वाले लोगों (सेवायोजकों) को उन्हें मासिक वेतन देने के अलावा एक महीने का सवेतन वाॢषक अवकाश व मातृत्व अवकाश प्रदान करना होगा। इसके अलावा ईएसआई, ईपीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा स्कीमों के लिए अलग से भुगतान करना होगा।
सूत्रों के अनुसार देश में पहली बार घरेलू नौकरों के लिए उनके अधिकारों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय नीति तैयार की जा रही है और उनकी सेवाओं को श्रम कानूनों के दायरे में लाया जा रहा है। प्रस्तावित नीति में सेवायोजक और नौकर के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते का प्रावधान किया गया है। तीसरा पक्ष ट्रेड यूनियन होगी जिसके दो प्रतिनिधियों को समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। सभी पक्षों को इस समझौते की शर्तों का पालन करना होगा। अभी देश में घरेलू नौकरों के लिए कोई नियम-कायदा नहीं है। लोगबाग अपनी मर्जी से एक-दूसरे से जानकारी व पूछताछ के आधार पर अपने यहां घरेलू नौकर रख लेते हैं। इनके वेतन, छुट्टियों आदि का निर्धारण भी आपसी सहमति के आधार पर होता है।
इसमें न तो किसी लिखित समझौते के लिए कोई जगह है और न सामाजिक सुरक्षा के लिए कोई स्थान। लेकिन आने वाले दिनों में यह संभव नहीं होगा। घरेलू नौकर, ड्राइवर, काम वाली बाई, आया आदि रखने के लिए सरकारी चैनल से होकर गुजरना होगा। नई व्यवस्था बहुत कुछ विदेशों की तर्ज पर होगी, जहां घरेलू नौकर रखने वालों को काफी कड़े नियम-कायदों का पालन करना पड़ता है।