गोलू देव: अर्जियां लिखकर टांगने से पूरी होती है मनौती

golu dev
फीचर डेस्क। उत्तराखंड की खूबसूरती किसी से छिपी नहीं है। वहीं इस खुबसूरती में भगवान का वास होने की वजह से इसे देव भूमि पुकारा जाता है। यहां आने वाले पर्यटक को यहां की सुंदरता मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां के विशेष मंदिर और उनकी कथाएं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। ऐसा ही एक मंदिर अल्मोड़ा जिले में है। चित्तई स्थित गोलू देव का मन्दिर दुनियां का अनोखा मंदिर है।
इसके बारे में कहा जाता है कि दुनिया में किसी मन्दिर में इतनी घंटियां नहीं चढ़ायी गई हैं, जितने अकेले गोलू देव के मंदिर में मौजूद हैं। वहीं इस मंदिर में भगवान का फरियादी की अर्जी पढ़कर उसकी मनोकामना पूर्ण करना भी इसे बेहद खास बनाता है। इस मंदिर की मान्यता न सिर्फ देश बल्कि विदेशों तक में है। इसलिए यहां दूर-दूर से सैलानी और श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में प्रवेश करते ही यहां अनगिनत घंटियां नजर आने लगती हैं।
कई टनों में मंदिर के हर कोने-कोने में दिखने वाले इन घंटे-घंटियों की संख्या कितनी है, ये आज तक मन्दिर के लोग भी नहीं जान पाए। आम लोगों में इसे घंटियों वाला मन्दिर भी पुकारा जाता है, जहां कदम रखते ही घंटियों की पक्तियां शुरू हो जाती हैं। दरअसल, यहां मन्नतें पूरी होने पर घंटियां चढ़ाने की परम्परा है और ये घंटियां इस बात की भी तस्दीक करती हैं कि यहां कितने भारी पैमाने पर लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं।
खास बात है कि इन घंटियों को मन्दिर प्रशासन गलाकर, बेचकर या फिर दूसरे कार्यो में इस्तेमाल नहीं करता। बल्कि इसे भगवान की धरोहर मानकर सहेजा जाता रहा है। मंदिर प्रांगण में जो घंटियां नजर आती हैं, असल में उनकी संख्या और भी ज्यादा है, जिन्हें क्रमवार निकाल कर सुरिक्षत रखा जाता है, जिससे मंदिर में और घंटे-घंटियां लगाने की जगह बनी रहे। गोलू देवता को उत्तराखंड में न्याय का देवता कहा जाता है।
इनके बारे में यह मान्यता है कि जिसको कहीं पर भी न्याय नहीं मिले वह इनके दरबार में अर्जी लगाए तो उससे तुरंत न्याय मिल जाता है। यही वजह है कि मंदिर में अर्जियां लगाने की भी परम्परा है। कोने-कोने से आए श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए बड़ी संख्या में अर्जियां लिखकर यहां टांग जाते हैं, जिन्हें मन्दिर में देखा जा सकता है। कहा जाता है कि इन अर्जियों को पढ़कर गोलू देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं और श्रद्धा स्वरूप भक्त यहां घंटियां चढ़ाते हैं। यही वजह है कि इस मन्दिर को कई लोग अर्जियों वाला मन्दिर भी पुकारते हैं।