नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पब्लिक पार्कों का इस्तेमाल सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, विवाह या अन्य कार्यों के लिए नहीं किए जा सकने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए सोमवार को एक कमेटी का गठन कर जिला पार्क में एक मंदिर को डीडीए द्वारा जगह आवंटित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर रिपोर्ट मांगी।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरी दिल्ली, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं।
बेंच ने कहा कि हम संयुक्त कमेटी को इस मामले में ई-मेल द्वारा एक तथ्यात्मक तथा कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं। समन्वय एवं अनुपालन की नोडल एजेंसी डीपीसीसी होगी। बेंच ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी। एनजीटी शहर के निवासी एके मलिक की रोहिणी की सेक्टर-14 के जिला उद्यान में अग्रणी मातृ मंदिर को डीडीए द्वारा एक खुला पार्क आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस कदम से स्थानीय लोगों के खुले क्षेत्र में जाने का अधिकार प्रभावित हुआ है और यह ध्वनि प्रदूषण का स्रोत भी बना हैं, क्योंकि यहां रात 10 बजे के बाद भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है और डीजे भी बजता है।
पार्कों में विवाह-समारोह आयोजन पर एनजीटी नाराज
