जीडीए में 40 बिल्डिंग के गड़बड़झाले में आरोप-प्रत्यारोप शुरू

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। जीडीए में अवैध निर्माणों का जिन्न एक बार फिर बाहर आने को तैयार है। प्रवर्तन जोन 7 के अंतर्गत आने वाले श्याम पार्क एक्सटेंशन,राजेंद्र नगर, शालीमार गार्डन आदि क्षेत्रों में धुआंधार तरीके से हुए 40 भवनों का निर्माण अधिकारियों के गले की हड्डी बन गया है। इस विवादित मामले के तूल पकडऩे के उपरांत अपर नगर आयुक्त सीपी त्रिपाठी तथा अधिशासी अभियंता एवं वर्तमान में प्रवर्तन जोन 7 के प्रभारी आलोक रंजन के बीच विवादों की तलवारे खींच गई है। आलम यह है कि अब आलोक रंजन पूरे मामले की तफ्तीश जीडीए उपाध्यक्ष के तत्वावधान में करवाना चाहते हैं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके । पूरे विवाद के मामले में आलोक रंजन ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दरमियान जीडीए मापदंडों से हटकर एक भी निर्माण नहीं किया गया। ऐसा सुनियोजित तरीके से उनकी छवि को खराब करने के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रयास के तहत किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कुछ सुपरवाइजर द्वारा प्रवर्तन जोन 7 के प्रभारी को इस आशय में एक पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रवर्तन जोन साथ में अवैध निर्माण को बढ़ावा सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नत हुए रणवीर सिंह से मिला है । इस बीच अपर सचिव एवं प्रवर्तन जोन के नोडल अधिकारी सीपी त्रिपाठी द्वारा नोडल अधिकारी बनाए जाने के बाद जीडीए के प्रवर्तन विभाग के अभियंताओं के साथ बैठक की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से त्रिपाठी द्वारा यह मुद्दा उठाया गया था कि उनके प्रवर्तन जोन 7 से हटने के उपरांत 40 के करीब भवनों का निर्माण अवैध तरीके से कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार इस मुद्दे को लेकर आलोक रंजन तथा सीपी त्रिपाठी के बीच में तनातनी हो गई है । इस विषय पर आलोक रंजन का कहना है कि जबकि है कार्यभार संभाले हुए मात्र 1 महीने का समय ही बीता है, इतनी अल्पावधि में 40 भवनों का अवैध तरीके से या लीक से हटकर निर्माण किसी भी प्रकार से संभव नहीं है तथा यह भवन सीपी त्रिपाठी के कार्यकाल के दौरान निर्मित हुए हैं। आलोक रंजन ने कार्यभार संभालते ही अपने अधीनस्थों को यह सख्त हिदायत दी है कि किसी भी सूरत में क्षेत्र में अवैध निर्माण ना होने पाए । इस विषय में जीडीए उपाध्यक्ष करुणा करुणेश द्वारा भी सभी अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की जा चुकी है जिसमें उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया था कि जीडीए की सीमा के अंदर अब अवैध निर्माण करने की कोई गुंजाइश नहीं है । यदि कोई भी निर्माण करता अवैध निर्माण करता हुआ पाया जाए तो उस पर कड़ी कार्यवाही करने से गुरेज न किया जाए। परंतु इस वास्तविकता को भला कैसे झूठलाया जा सकता है कि वर्तमान में समस्त गाजियाबाद जनपद अवैध निर्माणों के मकडज़ाल में बुरी तरह फंसा हुआ है।