लखनऊ। यूपी सरकार अब सरकार-नागरिक सहभागिता के राष्ट्रीय मंच “माईगव” पर उपलब्ध हो गई है। योगी सरकार की इस अभिनव प्रयास के बाद अब सरकारी नीति तय करने में रायशुमारी करनी हो या फिर जनहित के कार्यक्रमों का फ़ीडबैक, युवाओं के इनोवेटिव आइडिया लेना हो अथवा किसी मुद्दे पर चर्चा-विमर्श, यूपी में इन विषयों के लिए लोगों के पास एक और मंच उपलब्ध हो गया है। सोमवार को केंद्रीय संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा संचालित शासन की एक व्यवस्था है। 2014 के पहले सरकार में जनभागीदारी नगण्य थी। आमजन की भावनाओं, विचारों के लिए कोई स्थान नहीं था। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के मात्र दो माह के भीतर जुलाई में एक नवीन प्रयास करते हुए माईगव प्लेटफार्म की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री ने तकनीक के माध्यम से लोकतंत्र की जिन भावनाओं को साकार रूप प्रदान करने के लिए जिस कार्य का शुभारंभ किया था, आज सात वर्ष में उसने सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।
माईगव की टीम की प्रशंसा करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना कालखंड में हम लोगों ने तकनीक के उपयोग को महसूस किया कि कैसे एक साथ करोड़ों लोगों तक पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचा सकते हैं। 80 हजार से अधिक फेयर प्राइस शॉप में ई-पॉश मशीन लगाकर उसे सरकार के पोर्टल से जोड़ा। आज 15 करोड़ से अधिक लोगों को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का लाभ दे रहे हैं। पहले से अधिक मात्रा में लोगों को खाद्यान्न वितरित हो रहा है और हर इसके माध्यम से ₹1,200 करोड़ तक की बचत भी कर रही है। यह बताता है कि तकनीक के माध्यम से योजनाओं को विश्वसनीय बनाया जा सकता है, भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है।
माई गव के जरिये जनता का मन भांपेगी योगी सरकार
