डीजल चोरी कर लाखों चट कर गए रोडवेज चालक

upstrc
लखनऊ। रोडवेज बसों से डीजल चोरी कर चालक-परिचालक अपनी जेबे भर परिवहन निगम प्रबंधन को हर महीने लाखों का चूना लगा रहे हैं। परिवहन निगम के अधिकारी भी हैं कि चालक बसों से रोजाना हजारों रुपए का डीजल चोरी कर रहे हैं लेकिन जब कार्रवाई की बात आती है तो यही अधिकारी खामोशी धारण कर लेते हैं। हाल ही में उपनगरीय डिपो के कई चालकों का नाम भी डीजल चोरी के मामले में उजागर हुआ लेकिन उन पर कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों के पास फिलहाल कोई जवाब ही नहीं है। उच्चाधिकारी मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
बसों से डीजल चोरी होने की आशंका पर ही तकरीबन एक महीने पहले उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने सभी बसों में पोटेंशियोमीटर लगाने का आदेश जारी किया था। लेकिन आज तक किसी भी बस में पोटेंशियोमीटर लगाने की अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई। परिवहन निगम सूत्रों की मानें तो बसों से हर महीने लाखों की डीजल चोरी हो रही है। इसमें सिर्फ चालक और परिचालक का ही फायदा हो ऐसा नहीं है, अधिकारियों का भी हिस्सा बंधा होता है। नतीजतन जब भी चालक या परिचालक पर कार्रवाई करने की नौबत आती है तो अधिकारी टालमटोल कर देते हैं। सूत्रों की मानें तो डीजल चोर चालक डीजल चोरी से हुए फायदे का हिस्सा अधिकारियों के पास भी पहुंचाते हैं। निगम के विश्वस्त सूत्रों की मानें तोलंबी दूरी के बजाय कम दूरी वाली बसों में ज्यादा डीजल चोरी हो रही है। जो बसें 40 से 60 किलोमीटर के बीच की दूरी तय करती हैं उन्हीं बसों के चालक सबसे ज्यादा डीजल चोरी कर निगम को जमकर चपत लगाते हैं। ऐसी बसें चारबाग बस स्टॉप से उपनगरीय के रूप में रायबरेली, हैदरगढ़ रूट पर ज्यादा चलती हैं।