जानिए सावन के पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। सावन मास का प्रदोष व्रत अत्यंत मंगलमय और लाभकारी माना जाता है। सावन मास और प्रदोष व्रत दोनों ही भगवान शिव को प्रिय है। कहा जाता है कि सावन मास में प्रदोष व्रत रखने वाले भक्तों की मनोकामनाओं को भोलेनाथ पूरा करते हैं। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। इस साल सावन मास का पहला प्रदोष व्रत 05 अगस्त, दिन गुरुवार को पड़ा रहा है। त्रयोदशी तिथि 05 अगस्त को शाम 05 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 06 अगस्त की शाम 06 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। 05 अगस्त को शाम 06 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक का समय प्रदोष काल होगा। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।