तीन मामलों में बिल्डर बाबा की जमानत अर्जी खारिज

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। कुख्यात सचिन दत्ता उर्फ “बिल्डर बाबा” को तीन अलग-अलग फ्लैट बेचने के नाम पर बैंक से लोन करवा कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा तगड़ा झटका मिला है। सचिन दत्ता की जमानत अर्जी को सीबीआई कोर्ट के जज रविंद्र प्रसाद गुप्ता द्वारा खारिज कर दिया गया है। इस संदर्भ में सीबीआई के लोक अभियोजक द्वारा यह जानकारी दी गई है कि सचिन दत्ता ने सह अभियुक्त देवेंद्र सिंह एवं नीतू धामा के नाम पर फॉस्टर हाइट प्रोजेक्ट में निर्मित फ्लैट संख्या ए-905 कि अक्टूबर 2010 में बुकिंग की थी। इस फ्लैट पर दत्ता द्वारा पीएनबी बैंक से 33.50 लाख रुपए का लोन करवाया गया। साथ ही इसमें खरीदार का फर्जी आय प्रमाण पत्र तथा अन्य दस्तावेज लगाकर पीएनबी और यह भी जीटी रोड से भी लोन करवा लिया । इसके उपरांत देवेंद्र द्वारा 22 अक्टूबर को 15. 45 लाख रुपए का भुगतान दर्शाया गया जबकि वास्तव में कोई भुगतान नहीं हुआ। दिलचस्प बात यह है कि इसी फ्लैट को दोबारा राजिंदर सिंह सुदर्शन को बेच दिया गया। सचिन द्वारा इसी फ्लैट पर दोबारा 22.36 लाख रुपए का लोन करा लिया गया । इसी प्रकार ए -1001 फ्लैट को संजय कुमार के नाम 33.60 लाख रुपए में बिक्री दिखाते थे दोबारा नीरज मिश्रा नाम के व्यक्ति को फ्लैट बेच कर फर्जीवाड़े से लोन करवा लिया गया। ऐसे ही फ्लैट संख्या बी-10 05 को अनिल जैन के नाम पर 34 पॉइंट 50 लाख रुपए में बेचा गया । सचिन दत्ता और बिल्डर बाबा पहले एक फ्लैट को फास्टर हाइट के नाम बेचता था जबकि दूसरी बार उसी फ्लैट को बालाजी हाइटेक कंस्ट्रक्शन के नाम भेज दिया करता था ।