गाजियाबाद में जब पत्रकार हो परेशान तो आम जनता की भला कैसे बचे जान?

श्यामल मुखर्जी, साहिबाबाद। विगत शाम को वरिष्ठ पत्रकार दयानंद सागर जब अपने काम निपटा कर शालीमार गार्डन स्थित अपने घर लौट रहे थे तब रिक्शे में बैठे हुए 3 व्यक्तियों ने फोन पर अचानक कातिलाना हमला कर दिया। जब जब दयानंद सागर ने उनसे पूछा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हो तो उन्होंने दयानंद सागर के साथ अभद्रता शुरू कर दी। दयानंद सागर ने गाड़ी का हॉर्न बजाते हुए शोर मचाना शुरू किया जिस पर तीनों लोग रिक्शे में भाग गए । पत्रकार ने साहस दिखाते हुए उनका पीछा किया । संदिग्ध जहां पर भी हो जा रहे थे वह उनका पीछा करते रहे । इस बीच दयानंद सागर ने 112 कंट्रोल रूम पर फोन करने की कोशिश की परंतु कंट्रोल रूम से कोई मदद ना होने के कारण पत्रकार ने चौकी इंचार्ज मुनेश सिंह, चौकी प्रभारी, शालीमार गार्डन को फोन पर कहा कि तीन आरोपी जो कि किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, रिक्शे में करके भाग रहे हैं । उन्होंने तुरंत एक्शन ले कर उनका पीछा करने में मदद की । जिस जिस लोकेशन में संदिग्ध जा रहे थे उन्होंने उनका पीछा किया । पत्रकार ने बताया चौकी शालीमार गार्डन से गुजर रहे थे लेकिन वहां पर भी उनको कवर नहीं कर पाए उसके बाद शिव चौक जाकर के वह लोग गली में इक_े हो गए । शालीमार गार्डन चौकी इंचार्ज फोन पर थे । वह तुरंत लोकेशन पर पहुंचे और तीनों को अरेस्ट कर चौकी में ले आए, उनसे पूछताछ की और उन्होंने इस बाबत पत्रकार दयानंद सागर को सूचित करने का आश्वासन भी दिया। परंतु काफी समय व्यतीत होने के बावजूद जब चौकी इंचार्ज शालीमार गार्डन का कोई फोन नहीं आया तो दयानंद सागर सेन शालीमार गार्डन चौकी पहुंचे । शालीमार गार्डन चौकी में बैठे हुए पुलिस कर्मचारी नहीं दयानंद सागर को यह कहते थे वापस भेज दिया कि आप जाइए हम चौकी इंचार्ज से बात करके आपको बता देंगे । परंतु यह पता चला कि 3 संदिग्धों में से दो व्यक्ति पहले ही छोड़ दिए गए तथा एक संदिग्ध को बैठा लिया गया । उसके बाद एसएसपी कार्यालय में पत्रकार ने पीआरओ से बात की। उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और संजीव कुमार थाना साहिबाबाद को अवगत कराया । संजीव कुमार से पीडि़त पत्रकार दयानंद सागर से बात हुई। उन्होंने कहा की शालीमार गार्डन से जिस व्यक्ति ने बात की है उसको तुरंत प्रभाव में लेकर हमने थाना साहिबाबाद में बुला लिया है तथा उस पर एक्शन होगा । चौकी प्रभारी मुनेश सिंह मोबाइल नंबर कुछ समय तो ऑन रहता है उसके बाद नेटवर्क प्रॉब्लम व अन्य कारणों से बंद हो जाता है । देखना यह है की पत्रकार पर हमला होने के बाद पुलिस इन तीनों हमलावरों पर क्या कार्रवाई करती है ?शालीमार गार्डन सेफ है या इन मुजरिमो के शिकंजे में है ?