ऑनलाइन गेम व नौकरी का झांसा देकर 250 लोगों से ठगी

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। साइबर अपराध जैसे जैसे बढ़ रहे हैं उसी रफ्तार से साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के रोज नए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। नया ट्रेंड ऑनलाइन गेम से लोगों को ठगने का है। विभिन्न सोशल लिंक तथा व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जाल फैला के लोगों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है जिन्होंने दिल्ली एनसीआर में अब तक 250 से अधिक लोगों को अपना शिकार बना कर उनसे 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं । ऑनलाइन बैंक के जरिए घर बैठे पैसा कमाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठी जा रही है। इन गैंग्स द्वारा दो तरह से ठगी के काम को अंजाम दिया जाता है। इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज ऐप के जरिए ठगों द्वारा लोगों को शिकार बनाया जाता है। इसके लिए यह गैंग दो तरह से लोगों को अपने झांसे में लेता है । ऐप डाउनलोड करने के उपरांत नए सदस्य को सुपरवाइजर बनाया जाता है। सुपरवाइजर की वसूली आईडी बनाने के नाम से सदस्य से ₹2000 खाते में ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं। इसके साथ ही सदस्यों को एक टास्क दिया जाता है कि उन्हें नेशनल तथा इंटरनेशनल सेलिब्रिटीज के पोस्ट तथा ब्लॉग्स को यूट्यूब पर लाइक करना है तथा उनके स्क्रीनशॉट लेकर डालने है । एक स्क्रीनशॉट डालने के एवज में ₹10 या अधिक की रकम सदस्य को अदा करने की बात कही जाती है। सदस्य को धीरे-धीरे इसका चस्का लगना शुरू हो जाता है। फिर लेवल बढ़ाकर सदस्य से और रकम ट्रांसफर करवाई जाती है। इसके अलावा पेनल्टी तथा वॉलेट से पैसे निकालने के नाम पर सदस्य से पैसे ऐठे जाते जाते हैं। दूसरे तरीके के तहत साइबर ठग अपने शिकार के पास ऑनलाइन गेम का लिंक भेजते हैं। जो भी व्यक्ति उस लिंक को क्लिक करता है उसे गेम के साथ-साथ घर बैठे आमदनी का लालच भी दिया जाता है। शिकार झांसे में आ जाने के बाद हर लेवल पर पैसे देने की बात कहकर खाते में पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं। इसके बाद वॉलेट खुलवाने के नाम पर तथा उससे पैसे निकलवाने के नाम पर या पेनल्टी के नाम पर सदस्यों से पैसे ऐठे जाते हैं। इस गेम की लत का शिकार अधिकतर युवा वर्ग के लोग होते हैं।