ऑटो-टेलीकॉम सेक्टर को सरकार ने दिया राहत पैकेज

नई दिल्ली। कोरोना की मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, केंद्र सरकार की कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम में ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं। ये स्कीम पांच साल के लिए लागू रहेगी। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढऩे की उम्मीद है। वहीं, आयात में भी कमी आने की उम्मीद है। कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके तहत इलेक्ट्रकि वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, 7.60 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इस स्कीम के आने से विदेश से आयात में गिरावट होगी। ऑटो कंपोनेंट मेक इन इंडिया के तहत देश में बनाए जा सकेंगे। अनुराग ठाकुर ने बताया कि चयनित चैंपियन ऑटो कंपनियों को कम से कम 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। वहीं, नए निवेशकों को 500 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी है। टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी राहत पैकेज देने की बात कही गई है। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये के परिभाषा में बदलाव किया जाएगा। एजीआर से जूझ रहे टेलीकॉम सेक्टर के लिए ये बड़ी खबर है। इसकी मांग टेलीकॉम कंपनियां भी कर रही थीं। टेलीकॉम कंपनियों को मंथली इंटरेस्ट रेट को अब एनुअल कर दिया गया है। इसके अलावा पेनल्टी पर भी राहत दी गई है। स्पेक्ट्रम की अवधि भी अब 20 साल से बढृा कर 30 साल कर दिया गया है।