पितृपक्ष 20 से होगा शुरू: अबकी 17 दिन का श्राद्ध

फीचर डेस्क। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है। अगर किसी मृत व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है। इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 20 सितंबर से शुरू होने वाले प्रथम पक्ष इस बार 17 दिन का होगा। द्वितीया तिथि वृद्धि के कारण 17 दिन श्राद्ध होंगे। इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार 17 दिन श्राद्ध तिथि में एक अतिरिक्त वृद्धि होना शुभ नहीं है। पितृ पक्ष में प्रतिदिन स्नानोपरांत दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पितरों के प्रति जल का अघ्र्य देना चाहिए और पितरों से जीवन के मंगल की प्रार्थना करनी चाहिए। पौराणिक और शास्त्रोक्त वर्णन के अनुसार, पितृलोक में जल की कमी है, जिस कारण पितृ तर्पण में जल अर्पित करने का बड़ा महत्व है। जो भी व्यक्ति पितृ पक्ष में श्रद्धापूर्वक पितरों के निमित्त श्राद्ध करता है, उसकी श्रद्धा और आस्था भाव से तृप्त होकर पितृ उसे शुभ आशीर्वाद देकर अपने लोक को चले जाते हैं।