कोरोना को लेकर विशेषज्ञों की चिंता: त्योहारों में तीसरी लहर

नई दिल्ली। देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा अगर लोग आने वाले त्योहारों के मौसम में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर के संबंध में वायरस का एक नया स्वरूप निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि त्योहारों के दौरान भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक होगी। इसलिए इस दौरान लोगों का कोविड व्यवहार बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। महामारी का गणितीय मॉडल बनाने में शामिल एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि यदि भारत में वायरस के मौजूदा स्वरूपों से अधिक संक्रामक कोई स्वरूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी लहर के मुकाबले कम रहने की संभावना व्यक्त की गयी थी। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्शदाता समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि तेजी से टीकाकरण और सार्स-सीओवी-2 के किसी नए स्वरूप के सामने नहीं आने के बाद अब सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से उन लोगों के बीच डेल्टा वायरस तेजी से फैल सकता है जिन्हें अब भी संक्रमण का खतरा है। इसलिए इस बात की पुरजोर सलाह दी जाती है कि लोग पूरी ईमानदारी से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाएं तथा प्रशासन सामाजिक एकत्रीकरण को हतोत्साहित करने के लिए कड़े कदम उठाए।