लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में डीएम और एसएसपी की कार्यशैली का रियलटी चेक कराया। इस दौरान 36 जिलों में डीएम और 14 जिलों में पुलिस अधीक्षक अपनी कुर्सी से नदारद मिले। मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुताबिक वे अपने कार्यालय में जनता दर्शन कर लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं कर रहे थे। नतीजतन, सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि आप क्यों गायब थे? मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि रोज दो घंटे हर हाल में अपने कार्यालय में जनता दर्शन कर समस्याएं सुनें। चेतावनी दी गई है कि अगर दोबारा गलती हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रोजाना होने वाली टीम-9 की बैठक से पहले ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी मुकुल गोयल और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को डीएम और एसएसपी की चेकिंग करने का फरमान दे दिया। योगी रोज़ सुबह 10 बजे के करीब टीम-9 की बैठक करते हैं। बैठक शुरू होती उससे पहले ही जिलों के डीएम और एसपी के फोन घनघनाने लगे। जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव आरके तिवारी और अवनीश अवस्थी के कार्यालय से फोन किया गया, जबकि पुलिस कप्तानों को एडीजी कानून-व्यवस्था व डीजीपी मुकुल गोयल ने फोन किया। जांच में सामने आया कि कुल 50 डीएम और पुलिस अधीक्षक अपनी ड्यूटी से नदारद थे। बैठक में ही सीएम को इसकी सूची मुहैया करा दी गई है। योगी ने अधिकारियों के रवैये पर सख्त नाराजग़ी जताते हुए निर्देश दिए कि गैरहाजिर अफसरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी की जाए और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई करें।
सीएम योगी के रियलटी चेक में दर्जनों डीएम-एसपी फेल
