महंत की मौत: सीबीआई बनी घनचक्कर

प्रयागराज। सीबीआई के लिए महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े राज खोलना आसान नहीं है। यहां हर चेहरे पर नकाब है, जिसे जांच एजेंसी बेनकाब नहीं कर पा रही है। महंत की मौत के एक पखवारे के बाद भी कई राज अब तक दफन हैं, जिन्हें सीबीआई उजागर करने में लगी है। अब सीबीआई खाकी की मदद से उन चेहरों को बेनकाब करना चाहती है जिसके कारण महंत नरेंद्र गिरि को अपनी जान देनी पड़ी। महंत नरेंद्र गिरि ने मौत को गले लगाने से पहले अपने सुसाइड नोट में एक अश्लील वीडियो का जिक्र किया था, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वह अश्लील वीडियो बना था या नहीं। इसके इतर भी करोड़ों की प्रॉपर्टी के विवाद का मामला सामने आया। खुद आनंद गिरि ने दावा किया था कि करोड़ों की प्रॉपर्टी के लिए साजिश रची गई। वैसे तो कोई भी नरेंद्र गिरि की मौत के बाद सामने नहीं आया लेकिन तरह-तरह की कहानियां जरूरी सामने आईं। आनंद गिरि मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए हैं और उन्होंने ही नरेंद्र गिरि के कई सेवादारों को करोड़पति होना बताया। सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में लगे एक करोड़पति सिपाही से लेकर सेवादारों तक से गहन पूछताछ की। एक नहीं कई बार बुलाकर जानकारी ली लेकिन उनके चेहरे का नकाब नहीं उतरवा सकी। चर्चा है कि जिस सिपाही को करोड़पति बताया, उसके पास भी सीबीआई के सभी सवालों के जवाब थे। कहा जा रहा है कि उसकी पत्नी के नाम पर कैसे लाखों की प्रॉपर्टी बनी, उसने इसका हिसाब दे दिया। चार बार की पूछताछ में एक सिपाही से भी सीबीआई महंत नरेंद्र गिरि के राज नहीं उगलवा सकी। इसी तरह सेवादारों ने भी मठ, महंत और मंदिर से जुड़ी उन्हीं चीजों का जिक्र किया जो जग जाहिर है। पर्दे के पीछे क्या चल रहा था, वे राज नहीं खुल सके। अब सीबीआई खाकी को मिलाकर चेहरों को बेनकाब करने में लगी है।