छात्रों ने निकाला मुखर्जी नगर दिल्ली में शांति मार्च

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाबजूद लगातार चल रहा किसान आंदोलन और किसान नेताओं की मानमानी के कारण प्रभावित हो रही सडक,सुरक्षा और परिवहन के विरोध में आज वरिष्ठ छात्र नेता “इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय” “दुर्गेश मिश्रा नंदनी” के नेतृत्व में मुखर्जी नगर दिल्ली में शांति मार्च निकाला गया।
प्रतियोगी छात्रों एवं आम नागरिकों की भारी संख्या में मौजूदगी में यह शांति मार्च मुखर्जी नगर,इंदिरा विहार,नेहरू विहार से होते हुये गांधी विहार तक निकला। दुर्गेश मिश्रा नंदनी के साथ सम्मिलित हुये अन्य लोगों का कहना है कि यह आंदोलन मूलत: किसानों का आंदोलन ना होकर राजनीतिक प्रायोजनों को पूरा करने वाले लोगों का आंदोलन है जो राजधानी क्षेत्र दिल्ली में ही नहीं देश के अन्य प्रदेशों में भी शांति व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।लाल किले पर राष्ट्रद्रोही घटना हो,या अन्य लोगों के साथ इनकी आये दिन होने वाली झडप हो,देश की कानून व्यवस्था के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।हाल ही में हुयी लखीमपुर-खीरी की घटना हो जिसके हिंसक परिणाम का कारण यह तथाकथित किसान आंदोलन ही है। स्वयं को किसान नेता कहने वाले राकेश टिकैत के बयान अभद्र एवं धमकी भरे होते हैं। इसलिये शांति मार्च में शामिल हुये लोगों ने राकेश टिकैत मुर्दाबाद! के नारे भी लगाये,साथ ही सभी पक्षों के मृतकों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुये दुर्गेश नंदनी ने राकेश टिकैत पर राजद्रोह एवं हिंसा भडकाने का आरोप मानते हुये न्याय पालिका से कठोरतम कार्यवाही की मांग भी की है। शांति मार्च में राकेश ,मनीष सोनकर, निखिल मौर्या, अवनीश शुक्ल,राहुल तिवारी,निलेश सिंह पटेल, अविनाश उपाध्याय, राजा यादव,जितेंद्र कुमार, अमित, अनिल गुप्ता, निर्मल चौधरी,राजा मिश्रा, एव…इत्यादि शामिल हुये। लखीमपुरी हिंसा हेतु किसान आंदोलन एवं राकेश टिकैत को जिम्मेदार मानते हुये शांति मार्च में सम्मिलित हुये लोगों ने दुर्गेश नंदनी के नेतृत्व में दिल्ली के उप राज्यपाल,उ प्र के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री व महामहिम राष्ट्रपति से भी मुलाकात का समय माँगा है।