दिल्ली में सार्स-सीओवी-2 ज्यादा घातक

नई दिल्ली। इस साल कोविड-19 के गंभीर प्रकोप से पता चला है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस के किसी अन्य वैरिएंट से पहले संक्रमित हो चुके लोगों को वायरस का डेल्टा वैरिएंट फिर संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने वायरस के वैरिएंट के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) का विकास बहुत चुनौतीपूर्ण बताया है। पत्रिका ‘साइंस’ में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन में सामने आया कि डेल्टा वैरिएंट दिल्ली में सार्स-सीओवी-2 के पिछले वैरिएंट्स की तुलना में 30 से 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है।
दिल्ली में पिछले वर्ष मार्च में कोविड-19 का पहला मामला सामने आने के बाद से शहर में जून, सितंबर और नवंबर 2020 में वायरस ने कहर बरपाया। इस वर्ष अप्रैल में तो हालात बेहद खराब हो गए, जब 31 मार्च से 16 अप्रैल के बीच संक्रमण के दैनिक मामले 2,000 से बढक़र 20,000 तक पहुंच गए। इस दौरान अस्पतालों और आईसीयू में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बेहद दबाव में आ गई। वायरस की पहले की लहरों की तुलना में मरने वालों की संख्या भी तीन गुना बढ़ गई।