सीडब्लूसी की बैठक में सोनिया की हुंकार

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कपिल सिब्बल समेत ‘जी 23’ समूह के कुछ नेताओं की ओर से पिछले दिनों सार्वजनिक रूप से बयान दिए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को उन्हें निशाने पर लिया और नसीहत देते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं तथा उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी बताया कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ही इसे टालना पड़ा तथा अब इसकी रूपरेखा पेश की जाएगी। सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी हिंसा, महंगाई, विदेश नीति और चीन की आक्रामकता के मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते हैं एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं। उन्होंने संगठानात्मक चुनाव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पूरा संगठन चाहता है कि कांग्रेस फिर से मजबूत हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एकजुटता हो और पार्टी के हित को सर्वोच्च रखा जाए। इन सबसे ऊपर आत्मनियंत्रण और अनुशासन की जरूरत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जोर देकर कहा, ‘‘अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं पूर्णकालिक और सक्रिय अध्यक्ष हूं…पिछले दो वर्षों में कई साथियों और खासकर युवा नेताओं ने नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उठाई है और पार्टी की नीतियों को लोगों तक लेकर गए हैं।
उन्होंने जी 23 नेताओं को नसीहत देते हुए कहा, ‘‘मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है। मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है। इसलिए हम सभी यहां खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं। लेकिन इस चहारदीवारी से बाहर जो बात जाए वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए। सोनिया ने जम्मू-कश्मरीर में पिछले दिनों कई अल्पसंख्यकों की हुई हत्या की निंदा की और कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और इस केंद्रशासित प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र की है। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए कहा कि इससे किसान आंदोलन को लेकर भाजपा की सोच का पता चलता है।