पीएम मोदी करेंगे कुशीनगर एयरपोर्ट का शुभारंभ

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बौद्ध तीर्थस्थलों को दुनियाभर से जोडऩे की कोशिश के तहत उत्तर प्रदेश में बनाए गए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बुधवार को उद्घाटन करेंगे। वह उत्तर प्रदेश के अपने दौरे में वहां विभिन्न विकास परियोजनाएं भी आरंभ करेंगे। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि प्रधानमंत्री कुशीनगर महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस पर आयोजित एक समारोह में भी भाग लेंगे। इसके बाद वह विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उनका उद्घाटन करने के लिए एक जन समारोह में भी भाग लेंगे। कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर वहां श्रीलंका के कोलंबो से आने वाला पहला विमान उतरेगा, जिसके जरिए 100 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और गणमान्य हस्तियों का एक श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल कुशीनगर पहुंचेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका में बौद्ध धर्म के सभी चार निकातों असगिरिया, अमरपुरा, रामन्या और मालवत्ता के अनुनायक (उप प्रमुख) भी शामिल होंगे। साथ ही कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री भी इसका हिस्सा होंगे। कार्यालय ने बताया कि यह हवाई अड्डा 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनाया गया है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों के लिए भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा करना सुविधाजनक हो जाएगा। इस हवाई अड्डे का निर्माण दुनिया को इस बौद्ध तीर्थस्थल के जोडऩे की कोशिश के तहत किया गया है। यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश और बिहार के निकटवर्ती जिलों के लिए लाभकारी होगा और यह क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। मोदी महापरिनिर्वाण मंदिर जाकर भगवान बुद्ध की लेटी हुई मुद्रा वाली मूर्ति के दर्शन करेंगे और बोधि वृक्ष का पौधा लगाएंगे। वह ‘अभिधम्म’ दिवस पर आयोजित एक समारोह में भी भाग लेंगे। यह दिवस बौद्ध भिक्षुओं के लिए तीन महीने की वर्षा की वापसी ‘वर्षावास’ या ‘वास’ का प्रतीक है। इस दौरान बौद्ध भिक्षु विहार और मठ में एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। इस कार्यक्रम में श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमा, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान और कम्बोडिया के जाने-माने बौद्ध भिक्षु और विभिन्न देशों के राजदूत शामिल होंगे।