चारधाम में तीन धाम के कपाट बंद

देहरादून। चारधाम यात्रा देर से शुरू होने के बावजूद भी देश-विदेश से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों की खासी भीड़ रही। चारों धामों में से तीन धामों के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि, छह नवंबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो गए हैं, जबकि पांच नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद किए जा चुके हैं। चारों धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड चार लाख के पार पहुंच गई। इनमें दो लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने अकेले ही केदारनाथ धाम में दर्शन किए हैं। उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गए। बह्र्ममुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा,शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया।
ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ हेतु प्रस्थान किया।