बोले योगी: माफिया शरणदाताओं पर भी चलेगा बुलडोजर

औरैया (उप्र)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से करने वाले राजनीतिक दल को आड़े हाथों लेते हुये लोगों को ऐसे दलों से सर्तक रहने की अपील की और कहा कि एक (पटेल) देश को जोडऩे वाला था तो दूसरा (जिन्ना) देश को तोडऩे वाला था । योगी ने कहा कि आज अगर माफिया के ऊपर बुलडोजर चल रहा है तो माफिया के शरणदाताओं पर भी एक दिन जरूर चलेगा। औरैया में राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास एवं विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास करते हुये मुख्यमंत्री ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिये बगैर कहा कि ‘एक दल के नेता ने पिछले दिनों एक वक्तव्य जारी किया था और भारत की अखंडता के प्रतीक सरदार पटेल की तुलना देश को तोडऩे वाले जिन्ना से करने का प्रयास किया था, इस प्रकार के शर्मनाक और निंदनीय बयानों को पूरे प्रदेश को खारिज करना चाहिये । गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई में एक भाषण में कहा था, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने पढ़ाई की और बैरिस्टर बने तथा भारत की आजादी के लिए किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटे। अखिलेश के इस बयान पर जवाब देते हुये योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक सरदार पटेल देश को जोडऩे वाले थे और भारत की एकता अखंडता के प्रतीक हैं, भारत की 563 से अधिक रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाने का श्रेय अगर किसी एक महापुरूष को जाता हैं तो वह लौहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल को जाता है । वहीं दूसरी तरफ जिन्ना भारत को तोडऩे वाले थे ।
उन्होंने कहा, ‘आज जिन्ना और सरदार पटेल की तुलना करने का प्रयास हो रहा है, हमें ऐसे तत्वों के मंसूबो को समझना होगा । सरदार पटेल देश को जोडऩे वाले थे और जिन्ना देश को तोडऩे वाले थे । दोनो समकक्ष नही हो सकते, सरदार पटेल राष्टनायक है लेकिन जिन्ना भारत की एकता को खंडित करने वाले हैं । जो लोग यह तुलना करने का प्रयास कर रहे हैं हमें उनसे सतर्क रहना होगा । योगी ने कहा कि ‘आज प्रदेश बदल रहा है प्रदेश की छवि बदली है पहले पेशेवर अपराधी और माफिया, गरीब का व्यापारी का, बेटियों और बहनो का जीना हराम कर देते थे और अगर माफिया के ऊपर बुलडोजर चल रहा है तो माफिया के शरणदाताओं पर भी जरूर चलेगा ।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले पर्व एवं त्योहार आते ही दंगे शुरू हो जाते थे, आस्था पर भी कुठराघात होता था, छोटे बड़े सभी व्यापारियों की कमाई भी लुट जाती थी । उन्होंने कहा कि यहीं नही आमजन की आस्था पर प्रहार तो होता ही था झूठे मुकदमे सामान्य नागिरकों पर लादकर उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता था ।